कृषि विद्यार्थी दूसरों को नौकरी देने वाले बनें- तोमर

Image result for narendra c tomar photo ग्वालियर - कृषि देश के आर्थिक विकास की रीढ़ है। यदि हमारे देश की कृषि मजबूत होगी, तो हम पूरे विश्व का मार्गदर्शन कर सकते हैं। इसलिये कृषि शिक्षा से जुड़े युवा अपने आप को केवल नौकरी तक सीमित न रखकर कृषि से जुड़े स्टार्टअप (रोजगार) स्थापित कर स्वयं आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार दें। सरकार आपके साथ सहयोग के लिए खड़ी है। उक्त आशय के विचार केन्द्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के पाँचवे दीक्षित समारोह में अध्यक्षीय उदबोधन में व्यक्त किए। 
बुधवार को यहाँ कृषि महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में दीक्षांत समारोह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) प्रो. एन एस राठौड़ के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ। इस अवसर पर प्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन थीं। दीक्षांत समारोह में 5 स्वर्ण पदक सहित कृषि विश्वविद्यालय के 594 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि 19 अगस्त 2008 ग्वालियर के लिये ऐतिहासिक दिन के रूप में स्थापित हुआ है। उस दिन सरकार द्वारा ग्वालियर को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय और राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की सौगात दी गई थी। उन्होंने कहा दस साल के कम समय में देश के 75 विश्वविद्यालयों में ग्वालियर के कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 10वाँ स्थान प्राप्त करना गौरवपूर्ण उपलब्धि है। आज दीक्षांत समारोह में इस उपलब्धि के बीच छात्र छात्राओं को उपाधि देते हुए मुझे हर्ष हो रहा है। मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस अवसर पर राजमाता स्व. विजयाराजे सिंधिया का भावुक होकर स्मरण किया। उन्होंने कहा कि वे राजपथ से लोकपथ पर चलने वालीं महान व्यक्तित्व थीं।  समारोह के मुख्य अतिथि कृषि अनुसंधान परिषद उप महानिदेशक प्रो. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने उपाधि लेने आए विद्यार्थियों को ए बी सी डी के माध्यम से जीवन में सफलतापूर्वक आगे बढ़ने के सूत्र बताए। उन्होंने कहा कि ए – मतलब एबिल्टी, बी – मतलब बोल्डनेस अर्थात मिशन मोड पर काम करना, सी – मतलब कमिटमेंट और डी – मतलब डेडीकेशन के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दो गुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कृषि विद्यार्थी इसमें अपना योगदान दें। प्रो. राठौड़ ने कहा कि ऐसे नवाचार शुरू करें, जिससे उत्पादन व कृषकों की आमदनी बढ़े। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार ने कृषि शिक्षा को व्यवसायिक डिग्री एवं कृषि में नेताजी सुभाषचंद्र बोस इंटरनेशनल फैलोशिप शुरु करने का महत्वपूर्ण काम किया है। उन्होंने ग्वालियर में कृषि इंजीनियरिंग कोर्स शुरु करने की जरूरत बताई। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस. कोटेश्वर राव ने स्वागत उदबोधन दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही गुणवत्तापरक शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार गतिविधियों पर प्रकाश डाला। दीक्षांत समारोह में मंत्री श्रीमती माया सिंह सहित विश्वविद्यालय प्रमंडल सदस्यगण, विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार, पूर्व कुलपति डॉ.विजय सिंह तोमर, डॉ. ओ. पी मथुरिया, दिलीप सिंह शेखावत, शिवराज शर्मा, रंजीत राणा, डॉ. सुषील कुमार प्यासी, डॉ सुनंदा सिंह रघुंवशी, कुलसचिव डी. एल. कोरी. अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ. मृदुला बिल्लौरे मंचासीन थीं। इनके अलावा सभागार में सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष बालेन्दु शुक्ल, कुलपति जीवाजी विश्वविद्यालय डॉ. संगीता शुक्ला, कुलपति राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय  लवली शर्मा और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक भिण्ड के अध्यक्ष के पी सिंह भदौरिया सहित नगर के गणमान्यजन, उपाधि लेने आए विद्यार्थी एवं विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। कुलपति प्रो. राव ने दिया दीक्षोपदेश, पुस्तकों का हुआ विमोचन समारोह में कुलपति प्रो. एस. कोटेश्वर राव के दीक्षोपदेश दिया। विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तकों, पत्रिकाओं व सी.डी. का विमोचन दीक्षांत समारोह में किया गया।  ग्रीष्मकालीन स्वच्छता इन्टर्नशिप में भाग लेने वाले प्रतिभागीयों व अधिकारियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। 

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

संपर्क फ़ॉर्म