मध्यप्रदेश कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के मंत्रियों ने विरोध प्रदर्शन के बीच पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण कर ली है। नाराज विधायक केपी सिंह समर्थक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं विवेक तन्खा मुख्य रूप से उपस्थित थे।
इन विधायकों को मिला मंत्रीपद
प्रद्युमन सिंह तोमर
सचिन यादव
सुरेंद्र सिंह बघेल
तरुण भनोट
कमलेश्वर पटेल
लखन घनघोरिया
महेंद्र सिंह सिसोदिया
पी.सी. शर्मा
उमंग सिंघार
सचिन यादव
सुरेंद्र सिंह बघेल
तरुण भनोट
कमलेश्वर पटेल
लखन घनघोरिया
महेंद्र सिंह सिसोदिया
पी.सी. शर्मा
उमंग सिंघार
हर्ष यादव
जयवर्धन सिंह
जीतू पटवारी
ओमकार सिंह मरकाम
प्रभु राम चौधरी
प्रियव्रत सिंह
सुखदेव पान्से
लाखन सिंह यादव
तुलसी सिलावट
गोविंद सिंह राजपूत
इमरती देवी
बाला बच्चन
आरिफ अकील
बृजेंद्र सिंह राठौर
प्रदीप जायसवाल
डा. विजयलक्ष्मी साधौ
सज्जन सिंह वर्मा
हुकुम सिंह कराड़ा
गोविंद सिंह
बाला बच्चन
आरिफ अकील
बृजेंद्र सिंह राठौर
प्रदीप जायसवाल
डा. विजयलक्ष्मी साधौ
सज्जन सिंह वर्मा
हुकुम सिंह कराड़ा
गोविंद सिंह
मंत्री पद नहीं तो केपी सिंह के लोगों ने हंगामा शुरू किया
मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल से पहले बड़ा घमासान मचा हुआ है। के पी सिंह के समर्थक बैठे धरने पर बैठ गए हैं और जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। के पी सिंह को मंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। केपी सिंह किसी अज्ञात स्थान पर हैं। फोन पर उन्होंने कहा मैं अभी कुछ नही बोलूंगा, मेरा नाम लिस्ट में नही है मुझे पता है।
केपी सिंह समर्थकों का कहना है कि यदि केपी सिंह का मंत्री पद नहीं दिया तो हम सभी कांग्रेस से इस्तीफा दे देंगे। बता दें कि केपी सिंह शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा से आते हैं। वो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं एवं आज तक कभी चुनाव नहीं हारे। उन्हे पिछोर का पहलवान कहा जाता है जो हर हाल में जीत जाता है। केपी सिंह, मूलत: दिग्विजय सिंह समर्थक नेता हैं। दिग्विजय सिंह सरकार में वो मंत्री भी रहे। सभी को पूरा भरोसा था कि केपी सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। उनका नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिए चल रहा था परंतु वो मंत्रिमंडल में शामिल होना चाहते थे।
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