-23 से 28 जनवरी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका देंगी जिला मुख्यालय पर धरना
-शासकीय कर्मचारि घोषित करने की रखी हैं प्रमुख मांग
शिवपुरी - मध्य प्रदेश में कार्यरत संपूर्ण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं लंबे समय से सरकार के सभी कार्यों में अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रही है परंतु उसके बाद भी उन्हें मानदेय से लेकर अन्य सभी सुविधाओं से वंचित किया जा है जिस प्रकार सरकार की मंशा उनसे कार्य कराने की है उसी प्रकार उनको अन्य सुविधायें भी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार को देना चाहिए लेकिन नहीं दी जा रही हैं जिससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता परेशान हैं। इस संबंध में एक बैठक माँ राजेश्वरी दरबार में शिवपुरी आयोजित की गई।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की संघ अध्यक्ष श्रीमती साधना पठाक ने बताया कि पूर्व में सरकार जगाने के लिए हमने एक ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर जिलाधीश अक्षय कुमार सिंह को सौंपा था लेकिन उनकी सुनवाई आज दिनांक तक नहीं की गई।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए लेकिन इन महिलाओं की सुनवाई न करते हुए उनसे लगातार अन्य विभागों का भी काम लिया जा रहा है सरकार से हमारी प्रमुख मांग है हमारे साथ भेदभाव नहीं रखा जाए हमें शासकीय कर्मचारी शीघ्र घोषित किया जाए सरकार ने शिक्षाकर्मी, पंचायत कर्मी आदि लोगों के लिए संशोधन कर उन्हें कर्मचारी शासकीय बनाया तो क्या हम लोगों के लिए शासकीय कर्मचारी हमारी मध्य प्रदेश सरकार या केंद्र सरकार नहीं बना सकती ।
सरकार की इन्हीं नीतियों से परेशान होकर म.प्र. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका संघ संबद्ध भारतीय मजदूर संघ मध्यप्रदेश ने यह निर्णय लिया है कि मप्र के सभी जिलों से अब कार्यकर्ता एवं सहायिका आंदोलन में उतरेगी और सभी जिलों में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा इसी तारतम्य में शिवपुरी जिले के अंतर्गत स्थापित सभी आंगनबाडी केन्द्रों को 23 जनवरी से 28 जनवरी तक बंद रखे जाऐंगे और धरना आंदोलन जिला मुख्यालय पर दिया जाएगा जिससे उत्पन्न किसी भी विपरीत परिस्थितियों के लिए समस्त जबावदेही शासन और प्रशासन की होगी।
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