20 हजार की रिश्वत लेने के बाद भी पटवारी रामलखन सिंह ने नहीं किया बटांकन - दीपक बाल्मिक - Rannod

दबंग लोगों ने कर रखा है मेरी आधी जमीन पर कब्जा 

देवेन्द्र शर्मा बदरवास - शिवपुरी जिले में कोलारस अनुभाग में इन दिनों बदरवास रन्नौद तहसील कार्यालयों में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है इसका जीता जागता उदाहरण कई बार लोकायुक्त द्वारा पटवारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा जाना है। लेकिन इसके बाद भी पटवारियों द्वारा रिश्वत लेने का आलम थमने का नाम नहीं ले रहा तहसीलों में गरीब पीड़ित वर्ग का ही सबसे ज्यादा शोषण हो रहा है दोनों तहसीलों में बाबुओं से लेकर पटवारी तक एक कलम चलाने के सो रुपए से लेकर लाखों रुपए तक की रिश्वत मांगी जाती है गरीब प्रताड़ित व्यक्ति अपनी जमीन के कागजातों को लेकर दर-दर की ठोकरें खाता फिरता साफ दिखाई दे रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं रहता या यह कहें कि उनकी सह पर ही यह सब भ्रष्टाचार हो रहा है। 

मामला कोलारस अनुभाग के अंतर्गत आने वाली रन्नौद तहसील में एक  वाल्मीकि परिवार पिछले 11 माह से तहसीलदार एवं पटवारी के चक्कर लगा लगाकर हताश सो चुका है पटवारी द्वारा दीपक बाल्मिक से 20 हजार की रिश्वत काम के ऐवज में लेने के बाद भी फाइल का निराकरण आज तक दिनांक तक नहीं किया गया है। रन्नौद में रहने वाले बाल्मिक परिवार के सदस्य दीपक वाल्मीकि ने बताया कि मेरी स्वामित्व एवं आधिपत्य की भूमि सर्वे नंबर 1766/3/1 रकवा 0.030 है. एवं भूमि सर्वे नंबर 1766/3/5 रकवा 0.030 है एवं 1766/3/8 रकवा 0.040 है.  रन्नौद तहसील के रन्नौद नगर के आबादी क्षेत्र में स्थित है मेरी आधी जमीन पर दबंगों का कब्जा है दबंग मेरी जमीन खाली नहीं कर रहे हैं कहते हैं यह जमीन हमारी है इसी कारण प्रार्थी के द्वारा बटांकन के लिए तहसील  रन्नौद में फाइल प्रस्तुत की गई थी लेकिन 11 महीने बीत जाने के बाद भी आज दिनांक तक मेरी फाइल को अमल में लाया नहीं गया है मुझे परेशान कर मुझसे पटवारी रामलखन सिंह बालवे के द्वारा 20 हजार रुपए की मांग कई गई जिसे मेंने मेरे संबंधियों से उधार लेकर पटवारी को तीन किस्तों में 20 हजार रुपए भी दे दिए गए लेकिन इसके बाद भी पटवारी मेरा काम नहीं कर रहा है पटवारी रामलखन सिंह मेरी जमीन पर कब्जा करने वाले दबंगों का साथ दे रहा है अगर मेरा समय पर नक्सा में बटांकन हो जाए तो मेरी जगह का सीमांकन हो जाएगा जिससे मेरी जमीन मुझे मिल जाएगी
मेरे द्वारा जनसुनवाई में भी आवेदन दिया गया है और बरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराने‌ के बाद भी तहसीलदार,पटवारी दोनों पर जूं तक नहीं रेंगती है न मेरा काम किया जा रहा है मुझे इन लोगों द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।

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