कोलारस विधानसभा में मचेवा दल के साथ ब्राह्राण प्रत्याशी की मांग भाजपा के लिये बड़ी चुनौती - Kolaras



कोलारस - कोलारस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार के सामाने विधानसभा चुनाव के दौरान दो बड़ी चुनौतियां सामने दिखाई दे रही है जिनमें मचेवा दल की मांग नये चेहरे को उम्मीदवार बनाने तथा ब्राह्राण समाज की मांग कोलारस अथवा पोहरी में से एक विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्राण प्रत्याशी बनाने की है भाजपा के सामने पोहरी एवं कोलारस में दोनो ही बड़ी चुनौतियां सामने खड़ी हुई है देखना है कि भाजपा इन दोनो चुनौतियों का सामना किस प्रकार करती है।

मचेवा दल कोलारस विधानसभा में कर रहा है नये उम्मीदवार की मांग - कोलारस विधानसभा क्षेत्र में सामान्य विधानसभा सीट होने के बाद से भाजपा एवं कांग्रेस सहित अन्य दलों के नाराज कई सैंकड़ा प्रभावशाली कार्यकर्ताओं को मिलाकर मचेवा दल बना जिसमें भले ही यादव समाज के कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक हो किन्तु यह दल किसके साथ रहेगा अभी कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि मचेवा दल अभी तक यादव समाज के प्रत्याशी के साथ कम रहा है मचेवा दल आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर लगातार अलग अलग क्षेत्रों में बैठके कर रहा है भाजपा एवं कांग्रेस दोनो ही दलों से मचेवा दल के कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि दोनों की दलों में से पूर्व की जगह नये चेहरे को जो दल उम्मीदवार बनायेगा मचेवा दल आगामी विधानसभा के चुनावों में विना स्वार्थ के तन,  मन, धन के साथ उस प्रत्याशी के साथ रहेगा।


ब्राहा्रण समाज अड़ा है कोलारस एवं पोहरी में से एक प्रत्याशी बनाने की मांग पर  - ब्राह्राण समाज की जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कही कम तो कही ज्यादा संख्या में ब्राहा्रण समाज के लोग निवास करते हैं अपनी बुद्धी कौशल के साथ ब्राह्राण समाज के लोग अन्य समाज के लोगो को प्रभावित करने की क्षमता रखते है ब्राह्राण समाज की बैठकें लगातार जारी है समाज के लोग भाजपा से स्पष्ट मांग कर चुके है कि जिले की कोलारस अथवा पोहरी विधानसभा क्षेत्र में से एक स्थान पर ब्राह्राण समाज के भाजपा कार्यकर्ता को पार्टी अपना उम्मीदवार बनाये भाजपा के सामाने पोहरी में धाकड़ एवं कोलारस में यादव समाज के साथ ब्राह्राण समाज के वोट बैंकों साधना बड़ी चुनौती होगा क्योंकि पोहरी में धाकड़ समाज तो कोलारस में यादव समाज की संख्या अधिक है ऐसी स्थिति में यदि जिले में पोहरी अथवा कोलारस में से एक ब्राहा्रण भाजपा कार्यकर्ता को उम्मीदवार नहीं बनाया तो भाजपा के लिये आगामी विधानसभा चुनावों में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।  


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