कोलारस - कोलारस विधानसभा क्षेत्र के विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी का कांग्रेस में जाने के साथ शिवपुरी विधानसभा की तैयारियों के बाद भाजपा के लोग ऐसा मानकर चल रहे थे कि वीरेन्द्र रघुवंशी के भाजपा छोड़ने से भाजपा की गुटवाजी खत्म होने के साथ कोलारस विधानसभा में भाजपा कहीं अधिक मजबूत हो जायेगी किन्तु भाजपा में ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है भाजपा में गुटवाजी एवं अंतर्कलह से लेकर कार्यकर्ताओं के बीच आये दिन हो रहे विवादों के बाद मजबूत भाजपा कोलारस मजबूर नजर आ रही है यदि भाजपा में इसी तरह का विवाद चलता रहा तो पिछोर, करैरा की तरह कोलारस सीट भी कांग्रेस भाजपा से छीनकर ले जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।
सत्ताधारी भाजपा की हम बात करें तो भाजपा में पूर्व विधायक महेन्द्र यादव, विपिन खैमरिया, देवेन्द्र जैन, हरवीर सिंह रघुवंशी सहित करीब एक दर्जन कार्यकर्ता भाजपा से टिकिट की उम्मीद पाले सुबह से लेकर शाम तक कोलारस विधानसभा के गांव-गांव में परिक्रमा लगा रहे है यह तय है कि टिकिट एक कार्यकर्ता को ही मिलना है टिकिट मिलने के बाद शेष टिकिट मांगने वाले कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव में मंच के अलावा कहीं और नजर नहीं आयेंगे भाजपा में गुटवाजी से लेकर अंतर्कलह इतनी है कि बड़े नेताओं के कार्यक्रमों को छोड़कर अन्य कार्यक्रमों में भाजपा के कार्यकर्ता नजर तक नहीं आते जिसके चलते जिला अध्यक्ष राजू बाथम ने कोलारस में रेस्ट हाउस पर बैठक के दौरान अपने दर्द को बयां करते हुये कहा था कि मोर्चा के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी क्यों नहीं आये इस पर कोई संतोष जनक जबाब मिलता इसी बीच भाजपा के चार कार्यकर्ताओं में आपस में बहस होना प्रारम्भ हो गई जिसके चलते बैठक को बीच में ही खत्म कर सभी कार्यकर्ता रबाना हो गये भाजपा के अंदर फैली गुटवाजी, अंतर्कलह के चलते कोलारस विधानसभा में कांग्रेस मजबूत दिखाई दे रही है कांग्रेस में अभी प्रमुख उम्मीदवार के रूप में दादा बैजनाथ सिंह, जितेन्द्र जैन गोटू भाई, रघुराज सिंह धाकड़ ही नजर आ रहे है इनमें से किसी भी एक को टिकिट मिलता है तो कांग्रेस के साथ - साथ भाजपा की गुटवाजी का लाभ कांग्रेस उम्मीदवार के खाते में जाने से कांग्रेस उम्मीदवार भाजपा पर हावी हो सकता है इस तरह की चर्चाऐं कोलारस विधानसभा में रेस्ट हाउस पर हुये बातावरण से लेकर भाजपा की गुटवाजी के बीच आम चर्चा के रूप में सुनने को मिला।