जोमैटो डिलीवरी बॉय ही निकला फर्जी नोट कांड का मुख्य सरगना; इंदौर में गैंग हाथ आई तो जलाए नोट - Indore



इंदौर की अन्नपूर्णा पुलिस ने नकली नोट कांड मामले में मुख्य सरगना राजेश बरबड़े को गिरफ्तार कर उसके पांच साथियों को गिरफ्तार किया था पुलिस ने 20 लाख के नकली नोट बरामद किए थे इंदौर पुलिस को मुख्य सरगना से पूछताछ में बताया था कि उसने उज्जैन में भी अपना नेटवर्क फैला रखा है और उज्जैन के गऊघाट कॉलोनी निवासी हिमांशु गोसर को वह नकली नोट की डिलीवरी बहुत दिनों से कर रहा है।

आरोपी राजेश से पूछताछ के बाद इंदौर की अन्नपूर्णा पुलिस ने उज्जैन की गऊघाट निवासी हिमांशु गोसर को गिरफ्तार किया था उज्जैन निवासी हिमांशु गोसर दिखाने के लिए जोमैटो का डिलीवरी बॉय था हिमांशु ने इंदौर पुलिस को बताया कि उसने उज्जैन में लाखों के जाली नोट बाजार में खपाए हैं आरोपी से 500 के 15 जाली नोट बरामद किए गये इंदौर में आरोपी ने अपने उज्जैन के तीन साथियों के नाम कबूले, जिन्हें उज्जैन की नीलगंगा पुलिस ने गिरफ्तार किया है उज्जैन निवासी हिमांशु गोसर ने बताया कि उसे जैसे ही पता चला कि इंदौर में साथियों की गिरफ्तारी हुई है, उसके बाद इसने लाखों के नकली नोट जला दिए थे हिमांशु ने बताया कि उसके उज्जैन के तीन साथी उससे सस्ते दामों पर जाली नोट लेकर मार्केट में चलाते थे।

एक लाख के असली नोट लेकर देता था पांच लाख के नकली नोट
इंदौर की अन्नपूर्णा पुलिस ने पिछले दिनों गणेश चौहान, विक्रम नरेश, प्रेयस स्वामी, राजेश बारबड़े और प्रवीण सिंह को जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया था। गिरोह के सरगना राजेश ने पूछताछ में बताया कि वह एक लाख रुपये के असली नोट लेकर पांच लाख के जाली नोट देता था। उसने उज्जैन निवासी हिमांशु गोसर निवासी गऊघाट कालोनी का नाम बताया, जो करीब एक साल से राजेश के संपर्क में था। पुलिस ने हिमांशु को गिरफ्तार कर लिया। वह फूड सप्लाई कंपनी जोमैटो में डिलीवरी बॉय है। वह राजेश से दो हजार के 100, पांच सौ के 400 और 100 के 30 हजार जाली नोट ले चुका है।

हिमांशु और राजेश के बीच रुपयों का लेन-देन ऑनलाइन होता था, जिसका पुलिस को रिकार्ड मिला है इंदौर एडिशनल एसपी के मुताबिक, हिमांशु ने बताया कि उसने उज्जैन में स्वयं का नेटवर्क स्थापित कर लिया था, जो नकली नोट सप्लाई करने में लगे थे उसने तीन युवकों के नाम भी कबूले हैं पुलिस के मुताबिक, हिमांशु गिरोह का अहम सदस्य है राजेश से उसके पुराने रिश्ते है राजेश ने नकली नोट छापने की शुरुआत में स्कैनर व प्रिंटर खरीदे तो हिमांशु ने ही उसे आर्थिक मदद की थी।

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