भगवान राम के महल में विराजते ही शोरूम से बिकीं एक हजार गाड़ियां, उत्सव के लिए बिके पांच करोड़ के ध्वज - Gwalior



अयोध्या में भगवान श्रीराम की अपने भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में तो उत्सव का माहौल है ही। हर व्यक्ति इस क्षण को अपनी स्मृतियों को संजोने के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयासरत रहा। जिन्हें मौका मिला वे अयोध्या गए, लेकिन बाकी यहां मंदिरों में पूजा-अर्चना में व्यस्त रहे। लेकिन ग्वालियर में हजारों लोग ऐसे हैं, जिन्होंने आज के दिन की याद चिरस्थाई बनाने के लिए नए वाहन खरीदे।


ग्वालियर में इन दिनों ग्वालियर व्यापार मेला चल रहा है, जहां से नई कार या दोपहिया वाहन खरीदने पर सरकार ने पंजीयन शुल्क में 50 फीसदी की छूट देने का एलान किया है। यहां बीते दस दिनों से बिक्री चल रही थी। लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे ग्राहक पहुंच रहे थे, जिन्होंने बुकिंग तो करवा दी थी लेकिन डिलीवरी 22 जनवरो को ही चाहते थे। जैसे ही अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा शुरू हुई, वैसे ही उसी मुहूर्त में लोगों ने अपनी गाड़िया उठाई।

शो संचालकों के अनुसार, दो और चार पहिया मिलाकर एक हजार नई गाड़ियां उठाई गईं। लोगों के इस क्रेज को देखते हुए परिवहन विभाग ने भी यहां रजिस्ट्रेशन के लिए अतिरिक्त स्टॉफ की तैनाती की। इंदौर से गाड़ी खरीदने ग्वालियर पहुंची यामिनी त्रिपाठी कहती हैं कि उन्होंने आज ही गाड़ी इसलिए उठाई, क्योंकि आज श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के कारण खास दिन है। इस गाड़ी के जरिए हमारे परिवार में भी अयोध्या की स्मृतिया रहेंगी। उत्तराखंड से आए नंदन सिंह ने भी आज ही गाड़ी उठाई है। वे कहते हैं कि आज अयोध्या में श्रीराम अपने भव्य मंदिर में पहुंचे हैं। हम भी चाहते थे कि आज ही उनके घर भी रामरथ पहुंचे, हमें इसकी बहुत खुशी हो रही है। 

ग्वालियर में इस अवसर को चिरस्थाई स्मृति बनाने को लेकर लोगों में इतना उत्साह था कि न केवल मंदिरों बल्कि घरों पर भी ध्वज फहराने को लेकर मानो एक होड़ सी रही। हालत यह रही कि राम ध्वज, हनुमान ध्वज, शंकर जी का ध्वज और भगवा ध्वजों की मार्केट में रविवार को ही टोटा पड़ गया। हर कोई अपने घर पर यह ध्वज लगाकर सनातन धर्म के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा का परिचय देते हुए इस प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में अपनी सहभागिता प्रकट करने को आतुर नजर आया। ग्वालियर अंचल के सबसे प्रमुख थोक ध्वज वितरक धरम गोयल बताते हैं कि रविवार तीन बजे तक वे 22 हजार झंडे बेच चुके थे। उंसके बाद स्टॉक खत्म हो गया।

 

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