कम लागत प्राकृतिक खेती एक प्रबल विकल्प है :- डॉ भार्गव - Rannod


जयकुमार झा रन्नौद - कोलारस अनुविभाग के रन्नौद अंतर्गत आने वाले ग्राम संगेश्वर में प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र  शिवपुरी के द्वारा 40 किसानो को लेकर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है,शिविर मै पधारे डॉ एमके भार्गव कृषि विज्ञान केंद्र शिवपुरी द्वारा बताया गया है  कि आधुनिक फसल उत्पादन पद्धतियों में किसान खेती में अंधाधुंध रसायनों एवं कृत्रिम उर्वरक का उपयोग कर रहा है जिससे उपज तो बड़ी है लेकिन फसल उत्पादन की लागत भी बढ़ जाती है इसके परिणाम स्वरूप आय में कमी आ जाती है साथी अनेक प्रकार के जलवायु परिवर्तनों के को प्रभावों के कारण भी कृषि उत्पादन प्रभावित हो रहा है खेती से प्राप्त आमदनी घट रही है किसानों के खेत की उर्वरता कम हो रही है और मिट्टी  की क्षार  जमा होने के कारण मिट्टी की जलवायु अवशोषण क्षमता में कमी तथा मिट्टी की ऊपरी सतह खत्म में होती जा रही है जिससे खेती की कठोर सत्य को तोड़ने के लिए ज्यादा शक्ति के ट्रैक्टर का इस्तेमाल करना पड़ता है इसके अतिरिक्त खाद्य पदार्थों एवं अन्य जहरीले रसायनों के अवशेष डाले जा रहे हैं जिस जानवर एवं मानव में कई प्रकार के असाद्ध रोग पैदा हो रहे हैं शिविर के माध्यम से किसानों को प्राकृतिक खेती की आवश्यकता है गाय के गोबर एवं गोमूत्र पर आधारित खेती का ऐसा तरीका है जिसमें बहुत कम लागत खेती की प्राकृतिक तरीकों को अपनाया जाता है सभी किसानों से हमारा अनुरोध है की देसी गाय की गोबर एवं मूत्र ऐसी जड़ी बूटियां जिनको गए नहीं खाती है उनको सबको मिलकर एक खाद बनाया जाता है जिसका  उपयोग अधिक से अधिक करें दो दिन के प्रशिक्षण शिविर में आज पहले दिन 40 किसानों को प्राकृतिक खेती से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व जिला पंचायत सदस्य योगेन्द्र रघुवंशी एवं  डॉ जेपी गुप्ता कृषि वैज्ञानिक, डॉ एमके भार्गव कृषि वैज्ञानिक शिवपुरी अमोल सिंह यादव जनपद सदस्य, मनोज शर्मा जैविक खेती फॉर्म, आयोजन पूर्व सरपंच गोविंद सिंह दांगी आदि किसान मौजूद रहे।

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