राजपूतों की नाराजगी से बढ़ रही सियासी तपिश! भाजपा के खिलाफ फूंका बिगुल



लोकसभा के चुनावों में राजपूतों की नाराजगी का मामला सियासत को गरमा रहा है। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और हरियाणा से लेकर बिहार और आसपास के अन्य राज्यों में भी राजपूत समाज से ताल्लुक रखने वाले लोग सियासी तपिश बढ़ा रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मतदान से पहले एक बार फिर राजपूतों ने नाराजगी जाहिर करते हुए अपना विरोध दर्ज किया है।

चुनाव के नजदीक आते ही राजपूत संगठनों से ताल्लुक रखने वालों ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बिगुल फूंकना शुरू कर दिया है। अखिल भारतीय राजपूत महासभा के विक्रम सिंह राजपूत कहते हैं कि उनके पूर्वजों का अपमान किया जा रहा है। उनका आरोप है कि राजपूत सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार को गुज्जर बताकर अलग-अलग जगह पर बोर्ड लगवाए गए और जब इसका राजपूत समाज के युवकों ने विरोध किया, तो उनके ऊपर कारवाई की गई। राजपूत समाज से जुड़े संगठनों का कहना है कि बीते कुछ वर्षों में सिर्फ मिहिरभोज ही नहीं, बल्कि पृथ्वीराज चौहान, अनंगपाल तोमर के इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें गुज्जर बताया गया। 

राजपूत उत्थान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सोम कहते हैं कि जिस तरह से बीते कुछ वर्षों में उनके समाज के साथ अन्याय हो रहा है, उसे लेकर उनके समाज के लोगों में नाराजगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि तमाम कोशिशें के बाद भी उनके समाज को न तो न्याय मिल पा रहा है और न उनकी आवाज को सही जगह तक पहुंचाया जा रहा है। अखिल भारतीय राजपूत महासभा के विक्रम सिंह राजपूत कहते हैं कि उत्तर प्रदेश से नहीं बल्कि हरियाणा और राजस्थान, समेत मध्यप्रदेश में भी उनके समाज से ताल्लुक रखने वाले उनके पूर्वजों का अपमान किया जा रहा है।

मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र के ठाकुर चौबीसी के गांव खेड़ा में मंगलवार को क्षत्रिय स्वाभिमान महापंचायत का आयोजन में हुआ। इस दौरान राजपूत समाज की महापंचायत में मौजूद ठाकुर पूरन सिंह कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने 36 बिरादरियों का अपमान किया है। राजपूत समाज की महापंचायत में किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह ने कहा कि राजपूतों ने जंग छेड़ दी है। आज 36 बिरादरियों ने भाजपा की दमनकारी नीतियों के खिलाफ क्रांति का आगाज किया है।

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