शिवपुरी - भारत सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि किसी भी एसएयू, केवीके, मैनेज, एनआईडीपीआर, फर्टीलाईजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया या किसी अन्य अनुमोदित सरकारी संस्थान से 15 दिवस के में प्रमाण पत्र प्राप्त करने वालों को आवेदन करने पर उर्वरक, कृषि रसायन, बीज के लिए लाइसेंस जारी किए जा सकेंगे।
उपसंचालक कृषि ने बताया कि लाइसेंस प्राप्त करने के लिए बीएससी(एजी) या बीएससी (रसायन) की शैक्षणिक योग्यता धारी व्यक्ति के लिए ग्रामीण क्षेत्र में बहुत कम है। जिसके तहत यदि कोई किसान का पुत्र अथवा अन्य उक्त संस्थाओं से 15 दिवस का प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है तो उसको उक्त कृषि आदान की अनुज्ञप्ति प्राप्त करने के लिए वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के माध्यम से प्रकरण जिले में प्रस्तुत कर सकते है। उर्वरक (अकार्बनिक, जैविक या मिश्रित) (नियंत्रण) आदेश, 1985 में प्रावधान है कि ऐसी डिग्री के बदले में यदि आवेदक के पास किसी राज्य कृषि विश्वविद्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र या राष्ट्रीय कृषि विस्तार संस्थान से 15 दिवस का सर्टिफिकेट कोर्स है तो जिला कृषि अधिकारियों या क्षेत्र के कृषि अधिकारियों को ऐसे आवेदन प्रस्तुत करने पर प्राथमिकता के आधार पर आवेदकों को उर्वरक, कृषि-रसायन और बीज के लिए लाईसेंस प्रदान किए जायेगें।