उमरिया में सरपंच और सचिव यमराज की भूमिका को निभाते नजर आ रहे हैं और जिला प्रशासन जीवित महिला की शिकायत के बाद आज तक सरपंच सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं की है। यहां जीवित महिला को मृत घोषित होने के बाद शासन की किसी भी योजना का लाभ जीवित महिला को नहीं मिल रहा है। यहां तक की सरपंच सचिव मिल कर उसके अंत्येष्टि एवं संबल योजना अंतर्गत जो राशि मिलनी थी, उसे भी हजम कर ली है।
मामला उमरिया जिले के मानपुर ब्लॉक के अंतर्गत अमरपुर ग्राम का है जहां पर सरपंच, सचिव के द्वारा एक जीवित महिला को कागजों में मृत घोषित कर दिया है और उसके अंत्येष्टि एवं संबल योजना में मिलने वाली राशि पर हाथ साफ कर लिया इस बात की शिकायत जनसुनवाई में उमरिया कलेक्टर को की गई। लेकिन अभी तक न कोई कार्रवाई हुई और न ही मृत महिला जीवित हो पाई।
उक्त महिला अति गरीब है और झाड़ू बनाने का काम करती है। वह कब मरी इसकी जानकारी उसे अपनी बेटी की शादी के दौरान पता चली, जब वह पंचायत भवन पहुंची तो वहां पता चला कि मुझे मृत घोषित कर दिया गया है। तब मैं उमरिया कलेक्टर को यह शिकायत की सरपंच और सचिव मिलकर मेरे साथ ऐसा बर्ताव किया है। वहीं, जब उमरिया कलेक्टर से इस संबंध में जानना चाहा तो उनका कहना है कि हम इस मामले की जल्द से जल्द जांच कर कर दोषियों के प्रति कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे।
आदिवासी बाहुल्य जिला है यहां पर रोजी रोजगार के लिए कृषि एवं अन्य संसाधनों के तहत पैसा कम कर अपना जीवन यापन करते हैं और आदिवासियों के बीच में शिक्षा होना भी एक बड़ा अभिशाप है। उसी का फायदा यह सरपंच सचिव उठाकर इस तरह की हरकत करते हैं, जिससे पूरा जिला शर्मसार हो जाता है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस जीवित महिला को इंसाफ दिला कर क्या कोई बड़ी कार्रवाई करता है।