प्रकृति में विकृति का मूलकारण सनातन के मूलभूत सिद्धान्तों को भूलना ही है - स्वामी श्री केशवाचार्य जी महाराज - Kolaras


कोलारस - शिवपुरी जिले में कोलारस तहसील के ग्राम कुटवारा में सरपंच ओमप्रकाश लोधी के यहां चल रही श्रीमद्भागवत ज्ञानमहायज्ञ में पंचम दिवस की कथा सुनाते हुये स्वामी श्रीकेशवाचार्य जी महाराज ने गायों की दुर्दशा और आये दिन हो रहे एक्सीडेंट पर पंच से ये कहा है की हम अपने सनातन के मूलभूत सिद्धान्तों को भूलते जा रहे हैं भगवान गौ ब्राह्मण प्रतिपालक कहे जाते हैं नन्द बाबा ने गौ सेवा के प्रताप से गोपाल सेवा प्राप्त कर ली महाराज दिलीप को गौसेवा के प्रताप से पुत्र रत्न की प्राप्ति हुयी  देश के आजादी के बाद सत्तर के दशक में जब देश में सूखा पड़ा और खाने के आनाजों की कमी हुयी तब हमारे गोधन ने हमारा पालन किया और आज हमने अपने गौधन को सड़क पर डंडे और मैला खाने के लिये छोड़ दिया है जो आये दिन दुर्घटना का शिकार हो रही हैं।

और यही कारण है की आज अतिवृष्टि और अनावृष्टि के कारण जनमानस त्रस्त है प्रकृति में इस विकृति का प्रधान कारण हमारा वो भटकाव है जो हमें हमारे सनातन के मूलभूत सिद्धान्तों से दूर ले जा रहा है ।इस प्रकार से महाराज ने वर्णन करते हुये भगवान की बाललीला और गोवर्धन पूजा का ढी बड़ा ही मनमोहक वर्णन किया जिसे सुनकर श्रोता मन्त्रमुग्ध हो गये।

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