शिवपुरी नगर पालिका कर्मचारियों की अनदेखी - अनसुनी के चलते वार्ड 18 की नालियों में बहता शौच-शौचालय का मलवा, कई बार शिकायत के बाद नहीं होती सुनवाई - Shivpuri


सागर शर्मा शिवपुरी -
खबर शिवपुरी शहर के वार्ड नंबर 18 आंगनबाड़ी केंद्र तुलसी नगर के पास बने हुए मकान में रहने वाली सीमा सेन द्वारा बताया गया है कि उनके घर के आगे नाली बनी हुई है बाद में रहने वाले तमाम लोगों द्वारा शौचालय का पाईप नालियों मैं खोल रखा है जिससे मलवा एवं शौचा का पानी नालियों में भाकर हमारे घर के आगे से निकलता है जिससे हमें आने जाने में भी परेशानी होती है एवं बदबू फैलती है एवं नाली चौक हो जाने पर नाली में पड़ा हुआ मालवा रोड पर पड़ा रहता है पूर्व में हमने इसकी शिकायत बात की पार्षद मीना शर्मा को की थी लेकिन उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई अब प्रार्थी परेशान है उनकी शिकायत है कि नगर पालिका के तमाम अधिकारियों से निवेदन है की यहां आकर जांच करें एवं जिनके शौचालय के पाइप नालियों में खुले हैं उन पर कार्रवाई करें एवं हमें शौचालय के गंदे पानी से छुटकारा पहुंचाएं ।



वहीं दूसरी खबर वार्ड नंबर 18 में निवास करने वाले विष्णु प्रसाद शर्मा द्वारा बताया गया कि 15 दिन से वार्ड नंबर 18 में कंट्रोल के सामने वाली गली में नाली चौंक पड़ी है जिससे आने-जाने वाले लोगों को परेशानी आती है एवं वार्ड निवासी बदबू एवं गंदे पानी का सामना करना पड़ रहा है सफाई कर्मी सुनवाई नहीं करती है 15 दिन से लगातार पार्षद को जानकारी देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है यहां पर पड़े पानी की वजह से कई प्रकार की बीमारी भी पनप रही है जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी आती है एवं बीमारी का खतरा फैलने का भी संकट बना हुआ है।



स्‍वाथ्‍स्‍य विभाग का कहना - 

नालियों में बहता शौच और शौचालय का मलवा एक गंभीर समस्या है जो न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि पर्यावरण के लिए भी खतरा है। यह समस्या मुख्य रूप से खुले में शौच और उचित स्वच्छता सुविधाओं की कमी के कारण होती है। 


स्वास्थ्य के लिए जोखिम:
  • खुले में शौच से विभिन्न प्रकार के संक्रमण फैलते हैं, जैसे कि डायरिया, टाइफाइड, और हेपेटाइटिस।
  • यह बच्चों में कुपोषण और स्टंटिंग (बोनपन) का कारण बन सकता है, जिससे उनकी शिक्षा और विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • नालियों में बहता मलवा जल स्रोतों को दूषित करता है, जिससे लोगों को दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। 
पर्यावरण के लिए खतरा:

  • नालियों में बहता मलवा जल स्रोतों को दूषित करता है, जिससे नदियों, झीलों और समुद्र में प्रदूषण बढ़ता है।
  • यह मिट्टी को भी दूषित करता है, जिससे कृषि उत्पादन कम होता है।
  • यह कीड़े और अन्य जीव-जंतुओं के लिए एक प्रजनन स्थल बन जाता है, जिससे बीमारियों का खतरा और भी बढ़ जाता है। 

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