रेलवे सुविधा संघर्ष समिति द्वारा स्टेशन पर जारी जलसेवा से यात्री ठंडा पानी पीकर हो रहे तृप्त, सेवा की कर रहे सराहना - Badarwas

बदरवास रेलवे स्टेशन जहां यात्री कह उठते हैं "वाह" बहुत बहुत धन्यवाद
समिति जनसहयोग से निस्वार्थ भाव से कर रही है जलसेवा 
बदरवास - ‘मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया’ ऐसा ही नजारा बदरवास रेलवे स्टेशन पर काफी समय से जारी जलसेवा में देखने को मिल रहा है सामाजिक संस्था रेलवे सुविधा संघर्ष समिति द्वारा जनसहयोग से बदरवास रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली हर ट्रेन के यात्रियों की सेवा में लगे परोपकारी जलसेवक प्यासे यात्रियों की प्यास आरओ कैम्पर के ठंडे शीतल जल से बुझाने का काम कर रहे हैं स्टेशन पर आरओ कैम्पर का ठंडा जल पीते ही यात्रियों के मुंह से निकल पड़ता है कि वाह आनंद आ गया,तृप्त हो गए,बहुत बहुत धन्यवाद निकल पड़ता है।

बदरवास रेलवे स्टेशन पर भीषण गर्मियों में प्यासे रेलयात्रियों की प्यास बुझाने का काम शीतल पेयजल वितरण सामाजिक संस्था रेलवे सुविधा संघर्ष समिति कई वर्षों से करती आ रही है लेकिन अब इस जनसेवा के कार्य में रेलवे सुविधा संघर्ष समिति का साथ देने भरी दोपहरी में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं जो ट्रेनों के यात्रियों की प्यास बुझाने और आगे के सफर के लिए उनकी बोतलें भी भरने का काम कर रहे हैं स्टेशन पर जलसेवा का कार्य पूरी निष्ठा और समर्पण भाव से जारी है सभी सदस्य रेल यात्रियों की सेवा में सदैव समर्पित रहते हैं यात्रियों को आरओ कैम्पर का शुद्ध पेयजल नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है जलसेवक सदस्य ही प्रत्येक बोगी तक पहुंच कर यात्रियों को ट्रेन में ही पानी पिला रहे हैं और वहीं उनकी बोतल भरने का काम भी कर रहे हैं।

जलसेवक यात्रियों के पास खुद पहुंचकर बुझा रहे उनकी प्यास, भर रहे बोतलें

कहावत है कि प्यासे को ही कुंए के पास जाना पड़ता है और कुआ कभी प्यासे के पास नहीं आता लेकिन बदरवास रेलवे स्टेशन पर यह कहावत उलट साबित हो रही है यहां जलसेवा में लगे जलसेवक स्वयं ही हाथों में ठंडे पानी के कैम्पर थामे ,पानी भरने के लिए कीप और डिब्बा लेकर प्यासे की तलाश में ट्रेन की एक-एक बोगी तक पहुंचते हैं जब तक यात्रियों के कंठ तर नहीं हो जाते तब तक वे लोग हार नहीं मानते भीषण गर्मी में शीतल ठंडे कैम्पर के जल से कंठ तर होने के बाद तृप्त यात्रियों के दिल से धन्यवाद और आशीर्वाद लगातार निकल रहा है।

बिना थके भरी दोपहरी में जलसेवा कर स्वयं को धन्य मान रहे 

बदरवास स्टेशन पर जलसेवा में सामाजिक संस्था रेलवे सुविधा संघर्ष समिति के साथ लगे सभी जलसेवक प्रतिदिन हजारों प्यासे यात्रियों की प्यास बुझाने के काम में जुट हुए हैं भरी दोपहरी में प्यासे यात्रियों की जलसेवा कर रहे ये सभी जलसेवक पसीना बहाते हुए,मेहनत के साथ बिना किसी परेशानी के,गर्मी सहते हुए,बिना थके ये लोग जलसेवा जैसे पुण्य और पुनीत कार्य में लगकर मानव सेवा कर इसी को भगवान की सच्ची सेवा मानते हैं और प्यासे यात्रियों की प्यास बुझाकर उन्हें तृप्त कर स्वयं को धन्य मानते हैं।

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