'फौजी के नवजात बेटे की उपचार के दौरान मौत, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप - Shivpuri

शिवपुरी - फौजी के नवजात बेटे की उपचार के दौरान मौत, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप'' के संबंध में सिविल सर्जन ने वस्तुस्थिति की जानकारी दी इस मामले में जांच टीम के द्वारा  4 जून को जांच प्रस्तुत की गई जिला चिकित्सालय शिवपुरी में प्रियंका राजपूत पिता धर्मकिशोर राजपूत ग्राम सोन्हर नरवर के भर्ती रिकॉर्ड का अध्ययन किया गया। जिससे टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि प्रियंका राजपूत पिता धर्मकिशोर राजपूत ग्राम सोन्हर नरवर को सीएचसी नरवर से दिनांक 25 मई को बहुत कम वजन (वीएलबीडब्‍ल्‍यू) 1.470 कि.या. और समय पूर्व जन्म (प्रिटर्म) एवं नवजात शिशु द्वारा दूध नहीं पीना, सांस लेने में तकलीफ के साथ नवजात को जिला चिकित्सालय शिवपुरी रैफर किया गया था दिनांक 25 मई को जिला चिकित्सालय शिवपुरी के एसएनसीयू वार्ड में शाम 7:17 बजे पर प्रियंका राजपूत पिता धर्मकिशोर राजपूत को तुरंत बिना देरी के भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया गया, चूंकि नवजात को सांस लेने में परेशानी थी जिसके लिये नवजात को ऑक्सीजन भी दिया जा रहा था। नवजात शिशु को चिकित्सकों ‌द्वारा बताये अनुसार (ट्यूब फीडिंग) एवं उचित उपचार दिया गया।

 चूंकि नवजात शिशु बहुत कम वजन वाला (वीएलबीडब्‍ल्‍यू) 1.470 कि.ग्रा. और समय पूर्व जन्मा (प्रिटर्म) था एवं सांस लेने में दिक्कत थी, ऐसे बच्र्चा में हमेशा सांस रोकने (एपीएनआईए) एवं भोजन को गटकने में कठिनाई बनी रहती है। इसके संबंध में नवजात के परिजनों को भर्ती के समय मौखिक रूप से अवगत कराकर कॉसेंट  (लिखित सहमति) भी ली गई थी। उपचार के दौरान दिनांक 28 मई को सुबह  8:20 बजे पर बच्चे ने अचानक सांस रोक ली (एपनिया)। एसएनसीयू में मौजूद स्टाफ एवं ड्यूटी डाक्टर ‌द्वारा पुनर्जीवन प्रक्रिया एवं कृत्रिम सांस देकर नवजात को बचाने के लिये भरसक प्रयास किया गया, परन्तु दुर्भाग्यवश नवजात बच्चे को बचाने में असमर्थ रहे। जिसकी सूचना परिजनों को सुबह 9:10 बजे पर दे दी गई थी तथा मेडिकल रिसर्च के अनुसार ऐसे नवजात में सरवाइवल रेट न्यूनतम रहता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post

संपर्क फ़ॉर्म