शिवपुरी - कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के निर्देशानुसार कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जोन 9 जबलपुर के समन्वय में जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी के वैज्ञानिक टीम में कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि से संबंधित विभागों में कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी, मत्स्य, इफको, फसल बीमा इत्यादि के मैदानी कार्यकर्ताओं द्वारा 29 मई से 12 जून तक रूट चार्ट अनुसार तीन टीमों द्वारा प्रतिदिन 3 ग्राम पंचायतों में कृषक के बीच परस्पर संवाद करते हुए खरीफ पूर्व फसल उत्पादन बढ़ाने की तकनीकियां उन्नत गुणवत्तां युक्त बीज बीज परीक्षण, बीजोपचार, बोने की पद्धतियां, प्रबंधन, प्राकृतिक खेती प्रोत्साहन, समन्वित खेती, फसल एवं प्रजातियों की विविधता, टमाटर की खेती में नर्सरी प्रबंधन लगाने के लिए पर्यावरण हितैषी तकनीक जिसमें टमाटर की पौध से एक सप्ताह पूर्व गेंदा की पौध डालने और रोपण के लिए 16 कतारों में टमाटर के बाद एक कतार में गेंदा लगाने के क्रम रखते हुए टमाटर के खेत के चारों ओर मक्का की दो कतारें लगाने से 25-30 प्रतिशत कीट - व्याधियों की समस्या को रोका जा सकता है और गेंदा के फूल ट्रेप फसल के रूप में काम करते हुए गेंदा की जड़ों से निकलने वाला जैव रसायन, एलीलोपेथिक प्रक्रिया द्वारा नेमाटोड की समस्या से भी सुरक्षा मिलती है।
सोयाबीन में बुबाई के लिए रिज फरो तकनीक, मूंगफली में ब्रांड बेड फरो तकनीक, मक्का में पोषण प्रबंधन के साथ-साथ फसलों की सम - सामयिक वैज्ञानिक अनुशंसाओं के बारे में भी किसानों को बतलाया जा रहा है।
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