ग्वालियर में टिकट की घोषणा के बाद कांग्रेस में बगावत, दावेदारी ठोक रहे केदार सिंह ने दिया इस्तीफा - Gwalior



मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद विरोध के सुर उठने लगे हैं पहली लिस्ट जारी होने का बाद इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय यादव के बाद ग्वालियर कांग्रेस नेता केदार कंसाना ने रिजाइन दे दिया है।

कांग्रेस पार्टी में विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने के साथ ही बगावत के सुर भी तेज हो गए हैं ग्वालियर में भी टिकट नहीं मिलने से असंतुष्ट ग्वालियर ग्रामीण से दावेदारी जता रहे यूथ कांग्रेस के पूर्व इलेक्ट्रोड प्रेसिडेंट युवा नेता केदार सिंह कंसाना ने भी बगावती तेवर अपनाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ने का एलान भी कर दिया है उन्होंने पार्टी द्वारा वर्तमान में घोषित किए गए प्रत्याशी पर भी कई आरोप लगाए हैं और कहा है कि जिन्होंने सर्वे किया उन्होंने ही सर्वे दबा दिए।

बताते चलें, कांग्रेस पार्टी द्वारा आज मध्यप्रदेश के 144 सीटों से कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के साथ ही टिकट की चाह रखने वाले कांग्रेस नेताओं ने टिकट न मिलने पर बगावती तेवर अपनाना शुरू कर दिए हैं यूथ कांग्रेस के नेता और ग्वालियर ग्रामीण से टिकट मांग रहे केदार कंसाना ने भी टिकट की पहली सूची जारी होते ही अपना नाम नहीं होने पर इस्तीफा दे दिया है उन्होंने कहा कि मैं पिछले 22 साल से कांग्रेस पार्टी में हूं छात्र राजनीति से एनएसयूआई और फिर यूथ कांग्रेस का प्रेसिडेंट रहा 10 साल से बिना पद के सेवा कर रहा हूं मैंने साल 2018 और उससे पूर्व भी टिकट मांगा था, लेकिन मुझे आश्वासन दिया गया।

ग्वालियर ग्रामीण भाजपा का गढ़ रहा है, यहां पोलिंग पर लड़ने के लिए मैंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इकट्ठा किया जहां कांग्रेस का कोई झंडा उठाने वाला नहीं था वहां हमने लोगों को विश्वास में लिया और लोग हमारे साथ भी आए मैंने टीम केदार के नाम से 25,000 लोगों की एक टीम बनाई है, जो लोगों के सुख-दुख में साथ है इसके साथ ही 45,000 से अधिक महिलाओं को नारी सम्मान योजना से जोड़ा और अभी रक्षाबंधन के बाद तकरीबन एक लाख बहनों से राखी भी पहनी और हर सुख-दुख में लोगों के साथ रहा हूं फिर भी मुझे टिकट नहीं दिया है।

उन्होंने कहा, अब जब टिकट आपको ऐसे लोगों को ही देना है, जो हर पंचवर्षीय योजना में दूसरी पार्टी का झंडा लगा लेते हैं, जिनका आपराधिक रिकॉर्ड है और यह सब को पता है, हम उस समय भी पार्टी छोड़कर नहीं गए थे, जब सिंधिया समर्थक उनके साथ भाजपा में चले गए थे इसके बाद भाजपा ने मेरा काफी नुकसान भी किया फिर भी मैं पार्टी की सेवा करता रहा, अब जब मेरा टिकट कट गया है तो इस पार्टी में मेरा भविष्य बचा नहीं है इसलिए मैंने इस्तीफा दिया है।

उन्होंने कहा कि जो लोग मेरा सर्वे अच्छा बता रहे थे, वही लोग कह रहे हैं कि सर्वे और लोकप्रियता के आधार पर टिकट बांटे गए हैं तो जो सर्वे हुए थे वह किसने दबा दिए मेरे साथ अभी भी 25,000 लोग खड़े हैं, इससे ज्यादा और वह क्या चाहती है और इससे ज्यादा क्या लोकप्रियता हो सकती है मैंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया है, लेकिन चुनाव जरूर लड़ूंगा और देर शाम तक यह स्पष्ट हो जाएगा।

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