केपी सिंह की तरह महेन्द्र यादव को राजनिति में लम्बी पारी खेलने के लिये कमजोरियों पर ध्यान देने की आवश्यकता - Kolaras



कोलारस - कोलारस विधानसभा क्षेत्र में महेन्द्र-रामसिंह यादव महल के हमेशा से करीबी रहे है यह बात सभी लोग भली भांति जानते है महेन्द्र यादव के पिता रामसिंह यादव महल के विरोध में सांसद का टिकिट मिलने के बाद वापिस कर महल के प्रति अपनी बफादारी सिद्ध कर चुके है महल के करीबी होने के चलते सिंधिया कांग्रेस में रहे हो या भाजपा में हो महेन्द्र यादव उनके बफादार होने के कारण उन्हीं के साथ उन्हीं के दल में रहे है महल के बफादार होने के कारण कोलारस विधानसभा सीट जब से सामान्य हुई है सिंधिया परिवार की कृपा से उन्हें एवं उनके पिता को कांग्रेस पार्टी में टिकिट मिला है इस बार भाजपा से महेन्द्र यादव टिकिट की दावेदारी कर रहे है सामान्य सीट होने के बाद उनके पिता एवं उन्हें महल की बफादारी का नाम चार बार टिकिट के रूप में मिल चुका है जिसमें दो बार हार एवं दो बार जीत उन्हें मिल चुकी है महल के करीबी एवं सिंधिया के विश्वास पर खरा उतरने के साथ केपी सिंह की तरह राजनिति में लम्बी पारी खेलने के लिये महेन्द्र यादव को कुछ चीजों से सबक लेने की आवश्यकता है तभी वह राजनिति में लम्बे समय तक टिक पायेगे।

महेन्द्र यादव राजनिति में पहले व्यक्ति है जिन्हें सिंधिया की बफादारी के चलते पिछोर में केपी सिंह की तरह बिना मांगे कांग्रेस में टिकिट मिलता रहा है इस बार महेन्द्र यादव नई पार्टी भाजपा से टिकिट की दावेदारी पेश कर रहे है करीब एक दर्जन भाजपा के कार्यकर्ताओं में से सिंधिया की चलती है तो महेन्द्र यादव कोलारस विधानसभा सीट से अपने पिता के बाद लगातार कांग्रेस एवं भाजपा से पांचवी बार टिकिट पाने वाले विरले व्यक्ति होगे सिंधिया परिवार भी बफादारी के चलते महेन्द्र यादव के परिवार के साथ रहा है भले ही उनके चलते उनके कई समर्थक पार्टी एवं सिंधिया का साथ छोड़ गये हो किन्तु महेन्द्र यादव के परिवार के साथ सिंधिया परिवार अभी तक रहा है और उनके हिसाव से टिकिट मिलते है तो महेन्द्र यादव इस बार भी नई पार्टी भाजपा से पांचवी बार लगातार सिंधिया की कृपा से टिकिट लाने वाले पहले व्यक्ति होंगे महेन्द्र यादव को भी चाहिये की जिस प्रकार उन्हें पिछोर विधायक की तरह बिना परेशानी के बिना मांगे विधायक जैसा टिकिट आसानी से मिल जाता है वह पिछोर विधायक की तरह अपने नेता सिंधिया की उम्मीद पर भी खरा उतरे इसके लिये महेन्द्र यादव को चापलूसों की जगह निंदा करने वालों के साथ बैठक करके अपनी कमियों को दूर कराना चाहिये तभी वह लम्बे समय तक राजनिति में सफल पारी खेल पायेगे।

सर्वे के दौरान महेन्द्र यादव की कुछ कमियां निकलकर सामने आई - कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कई माह से हमारी टीम के पत्रकार साथी आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर लोगो की राय जानने में जुटे हुये है लोगो से चर्चा के दौरान भाजपा से टिकिट के दावेदार पूर्व विधायक महेन्द्र यादव के बारे में लोगो ने जो बातें सामने रखी वह कुछ इस प्रकार है महेन्द्र यादव पर कोलारस क्षेत्र के लोगो ने पंचायत एवं नगर निकाय के चुनावों में हस्ताक्षेप करके अपने ही समर्थकों को दूर कर दिया है उन्हें विधायक के चुनाव की तैयारी करना थी तो उन्हें छोटे चुनावों में भाग नहीं लेना था, महेन्द्र यादव के समर्थकों पर पंचायत, उचित मूल्य दुकानों, पुलिस, राजस्व से लेकर शासकीय कार्यालयों में दलालों को अपने साथ रखने का आरोप लोगो ने लगाया है, उन्हीं के रिस्तेदार एवं समाज के लोग मचेवा दल के सदस्य है वह भी कई बार बैठके करके महेन्द्र यादव के समर्थकों पर खुलेआम आरोप लगा चुके है, लोगो ने कहा कि जिस स्थान पर गैंग रेप जैसी घटना को अंजाम दिया गया और हमेशा से विवादों में रहने वाले व्यक्तिओं को महेन्द्र यादव अपने साथ लेकर घूमते है, पंचायत चुनावों से लेकर उचित मूल्य की दुकानों की शिकायतों पर कार्यवाही करवाने की जगह उन्हें शांत कराना भी उनके लिये आगामी चुनाव में समस्या खड़ी कर सकता है अपने लचीले स्वभाव के चलते प्रशासनिक अधिकारियों से जनता की समस्याओं को निपटाने में कमजोरी के चलते उनके कई समर्थक उनका साथ छोड़ चुके है,  पिछले विधानसभा चुनाव में महेन्द्र यादव के साथ रहने वाले व्यक्ति पंचायत एवं नगर परिषद चुनाव में हस्ताक्षेप के चलते महेन्द्र यादव से दूरी बनाये बैठे है यदि इन विन्दुओं से लेकर निंदा करने वालों की बातों पर महेन्द्र यादव विचार करेंगे तो पिछोर विधायक की तरह लम्बी पारी खेल पायेगे बरना पूर्व विधायक जैन की तरह ज्यादा समय अपने नेता एवं जनता का विश्वास कायम रखने में महेन्द्र यादव सफल नहीं हो पायेंगें।


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