भाजपा से दामाद कांग्रेस से ससुर साहब मैदान में, क्या बसपा धाकड़ समाज के सहारे दिखा पायेगी तागत - Kolaras



कोलारस - कोलारस विधानसभा सीट के लिये शनिवार से नामांकन फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है शनिवार की शाम भाजपा की सूची में कोलारस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से उम्मीदवार के रूप में महेन्द्र यादव खतौरा वालों का नाम भाजपा द्वारा घोषित किया गया कांग्रेस अपने प्रत्याशी के रूप में बैजनाथ सिंह यादव को पूर्व में घोषित कर चुकी है बसपा से नवल धाकड़ चुनाव मैदान में है कोलारस विधानसभा सीट सामान्य होने के बाद यह पहला चुनाव है जिसमें तीनों प्रमुख दलों से सर्वण जाति से कोई प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं है भाजपा एवं कांग्रेस से रिस्ते में ससुर - दामाद चुनाव मैदान में खड़े हुये है यह भी पहला मौका है जब भाजपा एवं कांग्रेस ने एक ही समाज के उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है बसपा से नवल धाकड़ चुनाव मैदान में है यदि बसपा के मूल वोट बैंक के साथ अपने समाज का 50 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त करने में सफल होते है तो मुकावले में दिखाई दे सकते है।

कोलारस विधानसभा सीट से सबसे पहले बसपा ने अपने उम्मीदवार के रूप में नवल धाकड़ को चुनाव मैदान में उतारा उसके पीछे बसपा का सोच था कि कोलारस विधानसभा धाकड़ बाहुल्य है और बसपा के मूल वोट बैंक के साथ यदि धाकड़ समाज एवं ओबीसी समाज का वोट बैंक मिलता है तो बसपा चुनाव को त्रिकोणिय बना सकती है किन्तु बसपा के उम्मीदवार के बाद कांग्रेस ने भी बड़े वोट बैंक यादव समाज को साधते हुये वरिष्ठ कांग्रेस नेता बैजनाथ सिंह यादव को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया इसके पीछे भी कांग्रेस की सोच रही है कि यादव समाज का अच्छा खासा वोट बैंक है और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बैजनाथ सिंह यादव को कांग्रेस के मूल वोट बैंक के साथ यादव समाज एवं ओबीसी समाज का बोट बैंक मिलता है तो कांग्रेस उम्मीदवार बैजनाथ सिंह यादव कोलारस विधानसभा सीट कांग्रेस की झोली में डालने में सफल होंगे किन्तु शनिवार की शाम भाजपा की सूची में भी यादव समाज से आने वाले महेन्द्र यादव सिंधिया समर्थक को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया कोलारस विधानसभा में यह पहला मौका है जब सामान्य सीट पर एक ही समाज के आपस में रिस्तेदार दो बड़ी पार्टियों के उम्मीदवार चुनाव मैदान में दिखाई दे रहे हो भाजपा उम्मीदवार महेन्द्र यादव कांग्रेस उम्मीदवार बैजनाथ सिंह यादव के रिस्ते में दामाद होते देखना है ससुर-दामाद की जंग में कौन विजेता बनकर आता है क्या बसपा उम्मीदवार नवल धाकड़ अपने समाज एवं अन्य समाज का वोट प्राप्त कर मुकावले को त्रिकोणिय बनाने में सफल हो पायेंगे या नहीं इसके लिये हमें दीपावली बाद यानि की मतदान के कुछ दिन पूर्व तक जनता का माहौल देखकर ही तस्वीर साफ हो पायेगी। 



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