कोलारस में पदस्थ वन रक्षकों द्वारा फर्जी व्यापम परीक्षा दिलाने पर न्यायालय ने दी सजा - Kolaras



कोलारस - कोलारस के वन विभाग में पदस्थ दो वन रक्षकों ने व्यापम के माध्यम से वन विभाग में वन रक्षक के पद पर निकाली गई भर्ती परीक्षा में अपने स्थान पर अन्य किसी दूसरे व्यक्ति के द्वारा परीक्षा पास करने के लिये उक्त अन्य व्यक्ति को शामिल कर परीक्षा पास कर वन रक्षक के पद पर चयनित हुए दो छात्रों को राजधानी की विशेष न्यायालय अदालत कार्यवाही करते हुये उक्त दोनो अभ्ययार्थियों को 7-7 साल की कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है सजा का यह फैसला सीबीआई व्यापम प्रकरण के विशेष न्यायाधीश नीति राज सिंह सिसौदिया की कोर्ट ने सुनाया है कोर्ट ने टिप्पणी की है कि इस प्रकार के अपराधों से संपूर्ण चयन प्रक्रिया युवा वर्ग एवं समाज गंभीर रूप से प्रभावित होता है आरोग्य एवं बेईमान अभ्यर्थी के शासकीय सेवक के रूप में चयन होने के दुष्परिणामों की कल्पना भी नहीं की जा सकती है शासन की तरफ से मामले में पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुनील श्रीवास्तव ने की।

वरिष्ठ अधिकारियों का कहना - 

हालांकि जब इस संबंध में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि हमें उक्त मामले की जानकारी तो मिली है पर न्यूज़ पेपर के माध्यम से अभी तक हमारे पास न्यायालय से किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं आई है। 

विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसौदिया की कोर्ट ने सुनाया फैसला - 

वन रक्षक परीक्षा में अपने स्थान पर दूसरे व्यक्ति को शामिल कराकर चयनित हुए दो उम्मीदवारों को राजधानी की विशेष अदालत ने सात-सात साल की कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। शुक्रवार को सजा का यह फैसला सीबीआई (व्यापमं प्रकरण) के विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसौदिया की कोर्ट ने सुनाया है व्यापमं द्वारा आयोजित वन रक्षक भर्ती परीक्षा - 2012 में ग्राम बछोरा, पोहरी (शिवपुरी) निवासी लखनलाल जाटव ने आवेदन किया था एग्जाम सेंटर शासकीय एसएमएस पीजी कॉलेज शिवपुरी था परीक्षा 15 अप्रैल 2012 को हुई थी वन रक्षक भर्ती परीक्षा - 2013 के लिए तेज सिंह जाटव ने आवेदन किया था एग्जाम सेंटर अशासकीय गुरुनानक उ.मा.विद्यालय शिवपुरी था परीक्षा 2 मार्च 2013 को सम्पन्न हुई थी एसटीएफ को शिकायत मिली थी कि उक्त परीक्षा में शामिल हुये अभ्ययार्थी लखनलाल और तेज सिंह ने परीक्षा पास करने के लिए कूट रचित दस्तावेज तैयार कर अपने स्थान पर अन्य किसी दूसरे व्यक्ति को परीक्षा में बैठाया था एसटीएफ ने वर्ष 2021 में दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था दोनों उम्मीदवारों को राजधानी की विशेष अदालत ने सात-सात साल की कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है फिलहाल दोनों वन आरक्षक कोलारस में पदस्थ है।


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