ग्वालियर फिर गौरवान्वित, हॉकी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शिवेंद्र सिंह को मिलेगा द्रोणाचार्य अवॉर्ड - Gwalior

 


ग्वालियर - हॉकी के लिए अपनी खास पहचान रखने वाला ग्वालियर शहर एक बार फिर से रोशन हुआ है। ग्वालियर शहर के तानसेन नगर में रहने वाले भारतीय हॉकी टीम के मशहूर खिलाड़ी शिवेंद्र सिंह का नाम द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए शामिल किया गया है।

शिवेंद्र सिंह ने ग्वालियर में रहकर ही हॉकी खेलना सीखा और शिवेंद्र सिंह को हॉकी खेलने की प्रेरणा ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह और ध्यानचंद से मिली थी। शिवेंद्र सिंह हॉकी की नेशनल टीम के सहायक कोच हैं और इस समय वह स्पेन में हैं। जहां हॉकी का टूर्नामेंट चल रहा है। शिवेंद्र को द्रोणाचार्य की घोषणा मिलने के बाद परिवार में खुशी की लहर है।
हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की नगरी ग्वालियर में शिवेंद्र सिंह का जन्म हुआ। परिवार में हॉकी खिलाड़ी शिवेंद्र सिंह के दो बड़े भाई हैं, जो माता-पिता के साथ रहते हैं। शिवेंद्र की मां राधा देवी बताती हैं कि जब वह नौ साल का था, तब पहली बार उसने हॉकी की स्टिक पकड़ी थी। साल 2006 में जब पहली बार भारतीय टीम में चयन हुआ, तब सोचा शायद ओलंपिक खेलने का सपना पूरा हो सकता है। उसके बाद अपने सपनों को पूरा करते हुए अंतरराष्ट्रीय हॉकी प्लेयर शिवेंद्र सिंह दो बार ओलंपिक खेल चुके हैं और कई अंतरराष्ट्रीय खिताब और मेडल अपने नाम कर चुके हैं।

शिवेंद्र का हॉकी के प्रति यह जुनून ही है कि वे इस मुकाम तक पहुंचे। मध्यप्रदेश सरकार ने हॉकी में द्रोणाचार्य अवार्ड देने की घोषणा की है। मां राधा देवी के मुताबिक, वह शुरू से ही हॉकी को लेकर जुनूनी था। खेल के कारण अपने दोनों भाइयों की शादी में भी शामिल नहीं हो सका था। शिवेंद्र कद काटी से दुबले पतले जरूर थे, जिसको लेकर उनकी मां हमेशा उनको टोका करती थीं। हॉकी मत खेलो, लेकिन वह उनके जुनून के आगे पीछे रह गईं। आज शिवेंद्र हॉकी में लगातार कई अवार्ड जीत रहे हैं। एमपी के प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलने की घोषणा से परिवार में खुशी की लहर है।

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