दुर्भाग्यपूर्ण व शर्मनाक - एडवोकेट श्री रमेश मिश्रा - शिवपुरी

शिवपुरी - दीपावली चली गई, नए साल का आगाज हो चुका है बीमारी का इलाज, बच्चो की एजुकेशन, लड़की व लडको की शादी ब्याह आदि जमाकर्ता के सपने कैसे पूरे हो, कहीं कोई उम्मीद नहीं दिखती है एजेंट महाराज तुम कहां हो,जमा राशि कैसे मिलेगी,? तुम्हारे वादे गारंटी का क्या हुआ,क्या कर रहे हो, कुछ तो बताओ, जमा राशि कैसे मिलेगी, जमाकर्ता को निराशा के भवर से निकालो, है एजेंट महाराज सामने आओ, राशि का भुगतान कराओ सहारा इंडिया के सभी ऐजेंट (कार्यकर्ता) पैसा डुबाने का काम किया है, उन लोगों को मालूम था कि कंपनी बंद हो चुकी है, फिर भी अपने कमीशन के लिए लोगों को बर्बाद किया है, एजेंट (कार्यकर्ता) निवेशक की राशि डुबाने में दोषी है, उसने अपने कमीशन के लालच में निवेशक की जमा राशि को वापिस नही होने दिया और कन्वर्शन (परिवर्तित) करा दिया विस्बास देकर विश्वासघात किया है आज जब निवेशक को जरूरत पर उसकी जमा राशि नहीं मिल रही है, परेशान हो रहा है,तब एजेंट (कार्यकर्ता)  कह रहे है कि उन्होंने  सहारा का काम करना बंद कर दिया है उनका कोई संबंध सहारा से नहीं है उनकी भी राशि जमा है आपको  अपनी जमा राशि नहीं मिल रही है, इसमें वे क्या कर सकते है कल तक यही लोग सहारा को अपना अन्नदाता बताते हुए गुणगान करते थे, निवेशक से अपनी जिम्मेदारी (गारंटी) पर उसके घर व दुकानों पर जाकर सहारा इंडिया की तारीफ कर  राशि लेकर आए थे उसके कमीशन की राशि से जमीन जायदाद बना ली, आज कमीशन मिलना बंद हो गया है तो अपना पल्ला झाड़ रहे है यह कितनी दुर्भाग्य पूर्ण व शर्मनाक है ।

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