कांग्रेस विधायक के खिलाफ वारंट जारी, बीजेपी MLA को फिर मिली जमानत - Gwalior

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का एक केस चल रहा है। यह केस सिंह द्वारा भाजपा और बजरंग दल को आईएसआई का सहयोगी बताने संबंधी बयान देने पर दायर किया गया। इस मामले में ग्वालियर पूर्व से विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार के बयान दर्ज होने हैं। वे लगातार तीसरी बार भी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट में हाजिर नहीं हुए।

बता दें कि इस पर जेएमएफसी मजिस्ट्रेट महेंद्र सैनी ने माना कि सिकरवार ऐसा जानबूझकर बयान देने के लिए उपस्थिति नहीं हो रहे हैं। इसलिए उन्होंने सिकरवार के खिलाफ एक हजार रुपये का जमानती वारंट जारी करके इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 22 जनवरी मुकर्रर कर दी।

यह है पूरा मामला?

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का एक बयान आया था, जिसमे उन्होंने भाजपा और बजरंग दल को आतंकवादी संगठन आईएसआई का सहयोगी बताया था। इस बयान को लेकर एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने 2019 में ग्वालियर जेएमएफसी कोर्ट में एक अवमानना याचिका पेश की थी, जिसमेx उन्होंने खुद को भाजयुमो का विशेष आमंत्रित सदस्य बताया था। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की तरफ से दावा किया गया कि याचिकाकर्ता भदौरिया भाजयुमो का मेम्बर या पदाधिकारी नहीx है।

भदौरिया ने इसमें रिकॉर्ड पेश किया, जिसमें बताया गया कि जब सतीश सिंह सिकरवार भाजयुमो के अध्यक्ष थे तो उन्होंने ही भदौरिया को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया था। गौरतलब है कि सिकरवार अब कांग्रेस से विधायक हैं और अब भदौरिया की नियुक्ति पत्र की पुष्टि के लिए ही उनका बयान होना है।

भाजपा विधायक को मिली जमानत

उधर, भिंड से भारतीय जनता पार्टी के एमएलए नरेंद्र सिंह कुशवाह एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए। उनके एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने बताया कि विशेष न्यायाधीश सुशील कुमार जोशी के समक्ष हाईकोर्ट जबलपुर का गिरफ्तारी वारंट निरस्त करने का आदेश पेशकर दोबारा जमानत की प्रक्रिया पूरी की। गौरतलब है कि कोर्ट में चल रहे एक मामले में बयान देने के लिए उपस्थित न होने के कारण कोर्ट ने विधायक कुशवाह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसके खिलाफ वे हाईकोर्ट की शरण मे गए थे। हाईकोर्ट ने उसको रद्द कर कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए थे।

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