कोलारस की मध्यांचल ग्रामीण बैंक में उपभोक्ता स्वयं की जमा पूजी निकालने के लिये लगा रहे चक्कर - Kolaras

यहा फोटो एक डेमो के रूप में है

कोलारस - कोलारस नगर के एप्रोच रोड़ पुरानी सब्जी मंडी के पास संचालित मध्यांचल ग्रामीण बैंक के उपभोक्ताओं का बैंक के कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा शोषण केन्द्र विन्दु बना हुआ है।

जानकारी के अनुसार कोलारस के नगर के एप्रोच रोड़ पुरानी सब्जी मंडी के पास संचालित माध्यांचल ग्रामीण बैंक की हालत बद से बदत्तर होती जा रही है यह हालत बैंक की बजह से नहीं बल्कि बैंक में कार्य करने वाले कर्मचारियों की बजह से है क्योंकि बैंक के मैनेजर बैंक से नदारत नजर आते है साथ ही बचा हुआ बाकी का स्टाफ अपनी मर्जी के मालिक होते है इस कारण बैंक में आऐ उपभोक्ता बैंक के चक्कर काटने को मजबूर है बैंक के कर्मचारियों द्वारा बैंक की ऐसी हालत बना रखी है कि जो भी उपभोक्ता अपने स्वयं के द्वारा जमा की गई राशि को भी निकालने के लिये उसको बैंक के कई चक्कर काटने बड़ेंगे साथ ही बता दे कि चक्कर काटने के बाद भी उपभोक्ता को उसकी जरूरत के लिये की गई जमा पूजी भी पूरी नहीं दी जायेगी इसके बारे में जब बैंक मैनेजर से सम्पर्क करना चाहा गया तो बैंक के मैनेजर बैंक से नदारत मिली इस संबंध बैंक में उपस्थित अन्य कर्मचारियों से जानकारी ली गई तो उनके द्वारा बताया गया कि बैंक मैनेजर अपनी मर्जी के मालिक है किसी के नौकर नहीं है जब आना होगा आ जायेगे।

कोलारस निवासी कुशवाह ने बैंक मैनेजर पर लगाया आरोप - कोलारस निवासी हरिओम कुशवाह ने बैंक मैनेजर पर आरोप लगाया है कि मैने हर वर्ष 15 हजार रूपये जमा किये थे जिसमें मैरे द्वारा प्रथम बार दिनांक 19/7/2017 को 15 हजार रुपये जमा किए थे इस प्रकार प्रत्येक वर्ष 15 हजार रुपये लगातार 06 वर्षो तक जमा किए जिसकी कुल जमा राशि 90 हजार के करीब हुई है जब कि उसको निकालने के लिये बैंक गया तो बैंक वालो ने बोला की आपकी टोटल जमा राशि 78,484 रुपये खाते में आई है कई बार बैंक के चक्कर लगाने के बाद भी बैंक मैनेजर कोई जबाव नही दे रहे है वैसे तो अधिकांश दिनों बैक मैनेजर बैंक से गायव ही रहते है स्टाफ अधिकारी का वाहाना बनाकर कर्तव्य की इतिश्री कर लेते है कई बार चक्कर लगाने के बाद अब हरिओम कुशवाह जिला कलेक्टर एवं जिला माध्यांचल बैंक एवं ग्वालियर आयुक्त महोदय को शिकायत करने का मन बना चुके है हरिओम कहना है कि मुझे जमा राशि भी पूरी नहीं मिल पा रही है जिसकी मुझे बहुत अवश्यकता है ब्याज तो दूर की बात है बैंक द्वारा मूल राशि भी पूरी नहीं दी जा रही है। 


इनका कहना है -

कोलारस में संचालित माध्यांचल ग्रामीण बैंक के स्टाफ का रवईया उपभोक्ताओं के प्रति सही नहीं है इसका सबसे बड़ा कारण बैंक में पदस्थ बैंक मैनेजर का बैंक से ज्यादातर नदारत रहना भी है साथ ही बैंक मैनेजर का भी उपभोक्ताओं सहित बैंक के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का सभी से पालन नहीं किया जाता है इस कारण कई उपभोक्ता बैंक के चक्कर काट रहे है - ओपी भार्गव भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्य।


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