नेताओं पर कटाक्ष - साहब 09 तहसीलों का परगना मुख्यालय ट्रेन स्टोपेजों के मामलो में पीछे क्यों ? - Kolaras



कोलारस - कोलारस कहनें को तो विधानसभा एवं परगना मुख्यालय है किन्तु कोलारस परगने में विकास के लिये लड़ने वाले नेताओं का शायद अभाव है जिसके चलते कोलारस विधानसभा मुख्यालय जिसके अंतर्गत परगने में 09 तहसील एवं उप-तहसीलें आती है उसके बाद भी कोलारस विकास से लेकर ट्रेनों के स्टोपेज के मामले में ग्रामीण क्षेत्रों से भी पिछड़ा हुआ है।

कोलारस विधानसभा मुख्यालय से भी अधिक टंªेने बदरवास एवं रूठयाई जैसे स्टेशनों पर रूकती है किन्तु कोलारस ट्रेन स्टोपेजों के मामले में बदरवास एवं रूठयाई से भी पीछे है बदरवास जोकि यादव बाहुल्य तहसील मानी जाती है जहां यादव समाज में एक नहीं बल्कि अनेक नेता है जोकि समय - समय पर बदरवास तहसील क्षेत्र की मांगें उठाते रहते है जिसके चलते बीते 10 वर्षो में परगना मुख्यालय कोलारस से भी कहीं अधिक विकास एवं ट्रेनों के स्टोपेज के मामले में बदरवास कोलारस से भी आगे निकल चुका है आने वाले समय में कोलारस तहसील क्षेत्र के नेता यदि विकास से लेकर कोलारस क्षेत्र की मांगे रखने में मौन साधे रहे तो कोलारस सीहोर की तरह एक पिछड़ा हुआ क्षेत्र बन जायेगा और बदरवास कोलारस की जगह विधानसभा मुख्यालय भी बन सकता है जहां तक ट्रेंनों के स्टोपेज से लेकर अन्य विकास के कार्यो की बात करें तो चाहे खेल का मैदान हो, चाहे रोजगार को लेकर उद्ययोग क्षेत्र की बात हो, चाहे एडीजे न्यायालय का मामला हो, चाहे थीम रोड़ से लेकर पार्क का मामला हो कोलारस की हालत राधौगढ़ एवं मोहना से भी कहीं अधिक पीछे है यदि भाजपा से लेकर कांग्रेस के नेता कोलारस के विकास से लेकर मूल भूत समस्याओं का हल नहीं करा सकते तो उन्हें नैतिकता के आधार पर स्वयं को जनता के बीच आकर अपनी कमजोरी स्वीकार कर लेना चाहिये जिससे कोलारस के लोगो क्षेत्र के नेताओं की हकीगत सामने आ सके।



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