भारत मे सूर्यग्रहण मान्य नही है
8 अप्रैल 2024 को सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. हिन्दू धर्म में सोमवती अमावस्या बहुत खास मानी जाती है. सोमवती अमावस्या के दिन कुछ खास उपाय करने से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है.पितरो का आशीर्वाद प्राप्त होता है । प्रति माह पड़ने वाली अमावस पितरो का दिन माना जाता है , शास्त्र अनुसार इस दिन पित्र या पूर्वज अपने वंशजो से मिलने पृथ्वी पर वास करते है ।
पितरो के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अमावस्या का दिन विशेष माना जाता है और इस दिन व्रत, पूजा-पाठ, स्नान और दान आदि का विशेष महत्व माना जाता है इस साल सोमवती अमावस्या के दिन ही साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है. हालांकि, पंचांग ओर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए यह ग्रहण भारत मे मान्य नहीं होगा इसका सूतक नियम भी पालन नही होगा लेकिन अमावस ओर ग्रहण योग में किया गया दान, जाप, पूजा कई गुना फल प्रदान करती है ग्रहण विश्व मे कही भी पड़े उसके आंशिक असर पूरी दुनिया पर पड़ते है बस यहां दिखाई ना दे वहां सूतक नियम पालन नही होता है ।
सोमवती अमावस्या के दिन पूजा-पाठ के साथ-साथ कुछ खास उपाय करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. साथ ही ग्रह दोष और पितृ दोष आदि से भी छुटकारा मिलता है निम्न उपाय किये जा सकते है।
पितरो की प्रसन्नता के लिए ब्राह्मण, गरीब या असाह को भोजन दान करे।
गाय, कुत्ता, जल जीव, पक्षियों ओर अतिथि को भोजन दान करे।
शिवालय में सफेद वस्तु, दूध, चावल, शक्कर का दान करें ।
पितरो के आशीर्वाद प्राप्त के लिए अमावस को शाम के समय में खीर का भोग शिव मंदिर में लगावे ।
रुद्र अभिषेक करावे, या शिवजी पर दूध जल अभिषेक करें ।
पित्र स्त्रोत का पाठ करे ।
ब्राह्मण को भोजन , वस्त्र, अन्न का दान करे ।