मध्य प्रदेश में इंडिया गठबंधन को करारा झटका लगा है। कांग्रेस ने प्रदेश की 29 में से एक खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ी थी। यहां से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार मीरा दीपनारायण यादव का नामांकन निरस्त हो गया है। कलेक्टर ने इसकी दो वजह बताई है। नामांकन फॉर्म पर प्रत्याशी के दो जगह हस्ताक्षर होते हैं, जिसमें से एक जगह मीरा यादव ने हस्ताक्षर नहीं किए थे। मतदाता पहचान पत्र की सत्यापित प्रति की जगह पुरानी प्रति दे दी गई थी। मीरा यादव के पति दीपनारायण यादव ने कहा है कि हम इस फैसले को हाईकोर्ट में और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त के पास भी जाएंगे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटनाक्रम को लोकतंत्र की सरेआम हत्या बताया है।
मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूदा सांसद और उम्मीदवार हैं। उनकी राह अब आसान हो गई है। एक तरह से इंडिया गठबंधन ने उन्हें वॉकओवर ही दे दिया है। नामांकन निरस्त होने के बाद राजनीतिक उठापटक भी तेज हो गई है। कांग्रेस और सपा का उम्मीदवार न होने की स्थिति में दोनों ही पार्टियां मिलकर किसी एक उम्मीदवार को इंडिया गठबंधन का समर्थन दे सकती है। लेकिन उसे कांग्रेस या सपा का चुनाव चिह्न नहीं मिल सकेगा। खजुराहो लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर और पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि नामांकन फॉर्म को दो आधार पर निरस्त किया गया है। मीरा यादव ने अपने नामांकन फॉर्म के साथ सत्यापित मतदाता सूची संलग्न नहीं की थी। फॉर्म में दो जगह हस्ताक्षर भी नहीं पाए गए हैं।
अखिलेश बोले- यह हार चुकी भाजपा की हताशा है
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि "खजुराहो सीट से इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखनेवाले अधिकारी ने फार्म लिया ही क्यों। ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा। जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो फार्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साज़िश रचते होंगे। भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी है। इस घटना की भी न्यायिक जांच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है।"