तत्कालीन पांच सीएमओ, दो स्टोर कीपर और एक लेखापाल पर EOW ने की FIR, 1.41 करोड़ के घोटाले का मामला - Gwalior



अब तक भ्रष्टाचार के मामले तो बहुत सुने होंगे, लेकिन मुरैना जिले में नगर परिषद का भ्रष्टाचार हैरान करने वाला है यहां एक दो नहीं बल्कि 180 बिलों का फर्जी भुगतान कर डेढ़ करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया इस मामले में बुधवार को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने 8 अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। बता दें कि भ्रष्टाचार के इस मामले की कहानी भी काफी फिल्मी है। दरअसल डेढ़ करोड़ के इस फर्जीवाड़े में फर्जी नियुक्ति और ट्रांसफर का खेल भी सामने आया है।

ग्वालियर ईओडब्ल्यू इकाई के कार्यवाहक निरीक्षक जयसिंह यादव ने बताया कि बीते साल 7 फरवरी को मुरैना के रमेश उपाध्याय ने ग्वालियर ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी इसमें कैलारस नगर परिषद में पैसों के गबन की बात कही गई थी शिकायत में बताया गया था कि कैलारस नगर परिषद में बिल वाउचरों का फर्जी भुगतान कर शासन को चूना लगाया जा रहा है इस शिकायत के आधार पर जब ईओडब्ल्यु ने जांच शुरू की, तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।

इस केस की जांच करने पर ईओडब्ल्यू के सामने चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इस मामले में एक आरोपी ने फर्जी तरीके से दैनिक वेतन भोगी की जगह नियमित कर्मचारी का वेतन प्राप्त किया और कई फर्जीवाड़े किए। आरोपी शिवकुमार शर्मा को 1989 में नगर सुधार न्यास मुरैना में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था और वर्ष 1990 में हटा दिया गया था। इसके बाद 1994 में न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद उसे दोबारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन आरोपी शिवकुमार शर्मा ने अपने रिकॉर्ड में कूटरचित दस्तावेज के जरिए अपने आपको नियमित कर्मचारी बताया और मुरैना से अपना ट्रांसफर कैलारस करा लिया। इसके बाद आरोपी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी होने के बावजूद नियमित कर्मचारियों का वेतन लेता रहा।

मामले में आरोपी शिवकुमार शर्मा ने नगर परिषद कैलारस में स्टोर प्रभारी रहते हुए भी कई फर्जीवाड़े किए। आरोपी ने बिना सामग्री खरीदे ही फर्जी बिल वाउचरों से पैसों का गबन किया। जब परियोजना परिषद कैलारस में स्टोर अधिकारी आरएस शर्मा द्वारा 2020 से 2022 तक के बिल और भुगतान वाउचरों की जांच की गई, तो इसमें 180 वाउचर के भुगतान संदिग्ध पाए गए। इनके जरिए 1 करोड़ 41 लाख से ज्यादा का भुगतान दिखाया गया। EOW की अब तक की इस जांच में पता चला कि इन 180 भुगतान वाउचरों के जरिए 1 करोड़ 41 लाख 75825 रुपए का गबन किया गया। इसमें तत्कालीन सीएमओ, स्टोर कीपर और अकाउंटेंट की मिली भगत थी, जिन्होंने फर्जी भुगतान कर नगर परिषद कैलारस को आर्थिक नुकसान पहुंचाया। ऐसे में ईओडब्ल्यू ने इस मामले में टाइम कीपर और तत्कालीन स्टोर कीपर शिवकुमार शर्मा सहित नगर परिषद के तत्कालीन पांच सीएमओ और दो अन्य कर्मचारियों पर भी मामला दर्ज किया है।


फर्जी भुगतान के मामले में स्टोर कीपर शिवकुमार और तत्कालीन सीएमओ संतोष शर्मा, अमजद गनी, संतोष सिहारे, रामबरन राजोरिया, अतर सिंह रावत और अकाउंटेंट देव प्रकाश शर्मा लक्ष्मण सिंह नामदेव पर धारा 409, 420, 468, सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 7 ए सहित विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया है।

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