भाई हो तो भरत जैसा हो - बृजभूषण महाराज - Rannod




रन्नौद - कोलारस अनुविभाग क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रन्‍नौद के ग्राम भीलारी के समीप क्षेत्र के प्रसिद्ध स्थान श्री चोपड़ा नाथ में चल रही श्री राम कथा के सप्तम दिवस पर आचार्य बृजभूषण महाराज ने बताया कि अगर भाई मिले तो भरत जैसा भाई होना चाहिए जिसने कि सारा राज त्याग करके अपने भाई प्रभु राम को महत्व दिया आज के समय में भरत जैसा भाई मिलना बहुत ही ज्यादा असंभव है क्योंकि आजकल के भाई तो सिर्फ पैसे के लिए ही अपने सगे संबंधियों का त्याग तक कर देते हैं आचार्य जी ने कथा के प्रसंग में सुनाया की शबरी जैसा त्याग आज तक किसी ने नहीं किया है शबरी की तपस्या देखकर के भगवान ने उसके यहां आकर के झूठे बेर भी भगवान ने खाए आचार्य जी ने बताया कि भगवान कभी भी यह नहीं दिखते की व्यक्ति ऊंची जाति का है या नीची जाति का है यह सब भेद तो समय के अनुसार बदलते रहते हैं परंतु भगवान तो सिर्फ मनुष्य के भाव को देखते हैं मनुष्य की भक्ति को देखते हैं और उसी के बस होकर के भगवान  चले जाते आचार्य जी ने कथा के प्रसंग में सुंदर किष्किंधा कांड का वर्णन किया और उन्होंने बताया कि भगवान सुग्रीव की रक्षा करने के लिए पहुंचे एवं बालि का अंत कर दिया बालि बलवान था किंतु उसका जीवनपाप युक्त था  पापियों का अंत करने में कभी भी कोई भी दोष लगता नहीं है इसलिए भगवान ने बालि का अंत किया एवं सुग्रीव के लिए राज पर स्थापित किया आचार्य जी ने कथा के प्रसंग में सुंदर राम कथा का महत्व का वर्णन सुनाया और कहा कि राम कथा संसार रूपी समुद्र से पर जाने के लिए नावके  समान है इस पर सवार होकर के मनुष्य अपने जीवन का कल्याण कर सकता है इस कथा का आयोजन 29 अप्रैल तक रखा गया है एवं माधादेव सरकार के महंत श्री रामदास जी महाराज के पावन सानिध्य में यह आयोजन आयोजित किया जा रहा है।

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