कोलारस - किसान वारिश के इंतजार के साथ - साथ आगामी फसल की बोवनी की तैयारी में जुटा हुआ है किसान जैसे-तैसे संघर्ष करके बाजार अथवा खाद गोदाम से ब्लैक में खाद खरीदकर अगली फसल की तैयारी में जुटा हुआ है वारिश बोवनी के लिये कब तक होगी उसके बाद ही किसान फसल बोने के लिये निर्णय लेता है यदि वारिश जुलाई माह के पूर्व बोनी लाईक हो जाती है तो किसान कुछ और बीज बोता है और यदि वारिश जुलाई के मध्य से लेकर अंत तक बोनी लाईक होती है तो किसान जल्दी आने वाली फसल बोता है क्योंकि किसान को अगली फसल बोने के लिये समय सीमित होता है जिसके चलते क्षेत्र का किसान वारिश के अनुसार भी फसल की बोनी करता है।
खरीफ की फसलें मानसून पर निर्भर रहती हैं और फसल का मौसम जुलाई के प्रारम्भ से अक्टूबर तक चलता है खरीफ की प्रमुख फसलों में - चावल, मक्का, बाजरा, रागी, दालें, सोयाबीन, मूंगफली आदि
फसलें किसानों द्वारा बोनी की जाती है जिनमें कोलारस क्षेत्र की प्रमुख फसलों की बात करें तो सोयाबीन, मूंगफली, उडद की फसलें ज्यादातर किसानों द्वारा बोनी की जाती है कोलारस नगर से लेकर परगने में जाकर देखा जाये तो करीब एक सैंकड़ा व्यापरियों द्वारा किसानों से आधी कीमत में खरीदी गई फसलों को साफ करके नई पैकिंग बनाकर बाहर से बीच मांगाकर बेचने की बात कोलारस क्षेत्र के ठग दुकानदारों द्वारा की जाती है जिनके पास बीच बेचने का लायसेंस से लेकर दुकान के जीएसटी तक नहीं है किन्तु वही दलाल व्यापारी किसानों से आधी कीमत में खरीदी गई फसल को बीच बनाकर बेचने का अवैध व्यापार करते है और ऐसे अवैध दुकानदारों पर कार्यवाही करने के लिये नियुक्त कृषि विभाग के अधिकारी खाना पूर्ति के लिये एकाद दुकानदार पर कार्यवाही करके अवैध वसूली का धंधा करते है कोलारस परगने के किसानों को हम खबर के द्वारा जागरूक करना चाहते है कि वह बाजार में विकने वाले नकली बीज की जगह पंजीकृत दुकानों से ही रजिस्टर्ड कम्पनी का ही बीज खरीदे जिससे किसान नकली बीज खरीदने से बचेंगे और वैध बीज खरीदने पर किसानों का एक-एक दाना उपज देगा।