कोलारस - बुधवार को देवशयनी एकादशी यानि की इस दिन श्रीहरि विष्णु भगवान आगामी चतुर्मास चार माह के लिये क्षीर सागर में विश्राम करते है इस दौरान देव उठनी एकादशी तक वैष्णव सम्प्रदाय के लोग शादी विवाह से लेकर मांगलिक कार्यक्रम नहीं करते देव उठनी एकादशी से शादी विवाह जैसे अन्य मांगलिक कार्यक्रमों पर लगा ब्रेक हटने के बाद वैष्णव सम्प्रदाय के लोगो में कार्यक्रम देव उठनी एकादशी के साथ प्रारम्भ हो जाते है प्रत्येक वर्ष वारिश के मौसम में चतुर्मास यानि की चार माह के लिये मांगलिक कार्यक्रमों पर रोक लग जाती है जिसका पालन वैष्णव सम्प्रदाय के लोग करते है इस बीच लोगो को स्वस्थ्य रहने के लिये पीने के पानी से लेकर भोजन में क्या उपयोग करना चाहिये और क्या नहीं करना चाहिये इसका भी उल्लेख ग्रन्थों में वर्णित है जो लोग इनका पालन करते है वह वारिश की ऋतु में बीमार होने से बच जाते है कुल मिलाकर शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्यक्रम ही नहीं भोजन पद्धति पर भी पावंदी लग जाती है जिसका पालन सनातन धर्म को मानने वालों के अलावा अन्य सम्प्रदाय के लोग भी करते है।