ग्वालियर - सेना के लेफ्टिनेंट डॉ.हिमांशु शर्मा को सैनिक सम्मान एवं वैदिक सनातन विधि के साथ मंगलवार को मुरार मुक्तिधाम में अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान डॉ. हिमांशु शर्मा अमर रहें, भारत का वीर सपूत अमर रहे, भारत माता की जय, वंदे मातरम् के गगनभेदी नारे लगाकर लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
भिंड जिले के गोरमी के समीप मोहनपुरा ग्राम निवासी डॉ.हिमांशु शर्मा का - 22 सितम्बर को पठानकोट में सडक़ दुर्घटना में आकस्मिक निधन हो गया था। स्व.सुदामालाल शर्मा के सुपौत्र एवं वेद प्रकाश शर्मा के सुपुत्र हिमांशु भारतीय सेना चिकित्सा कोर में डॉक्टर थे और वर्तमान में 167 मिलिट्री अस्पताल पठानकोट में पदस्थ थे। 31 जुलाई 2000 को जन्मे हिमांशु का पार्थिव शव 24 सितम्बर को उनके निज निवास ओ-4-113, दंदरौआ धाम हनुमान मंदिर के पश्चिम गेट के पास, शताब्दीपुरम ग्वालियर लाया गया। जहां भारतीय सेना के साथ परिजनों, संबंधियों, मित्रों और सेवानिवृत्त सेना के अधिकारियों ने उन्हें अश्रुपूरित पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर सेना के वाहन से ही मुरार मुक्तिधाम ले जाया गया। हिमांशु ने कक्षा एक से 12वीं तक की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल नं.-1 लखनऊ छावनी से की। एएफएमसी पुणे से और एमबीबीएस करने के बाद भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर 25 अप्रैल 2024 को पोस्टिंग हुई। स्वभाव से नम्र और प्रतिभा के धनी लेफ्टिनेंट डॉ. हिमांशु शर्मा बहुत ही कम अवस्था में अपने गांव से लेकर प्रदेश और देश का नाम ऊंचा कर गए।