तीन नए कानून की आत्मा भारतीय नागरिकों को संविधान में दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना है- प्रेरणा सिंह - Shivpuri



"नए आपराधिक कानून: भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव" विषय पर सेमिनार आयोजित

सागर शर्मा शिवपुरी - पीएमश्री शासकीय श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी में गतदिवस "नए आपराधिक कानून: भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव" विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।

शासकीय पीजी कॉलेज के विधि विभाग में आयोजित विशेषज्ञ व्याख्यान प्रेरणा सिंह राजपूत के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया। प्रेरणा सिंह बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल के विधि विभाग में फैकल्टी हैं और भोपाल जिला न्यायालय व जबलपुर उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में कार्यरत हैं। 

प्रेरणा सिंह राजपूत ने कहा कि तीन नए कानून की आत्मा भारतीय नागरिकों को संविधान में दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना, इनका उद्देश्य दंड देना नहीं बल्कि न्याय देना है। भारतीय आत्मा के साथ बनाए गए इन तीन कानूनों से हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा।

सेमिनार में प्रेरणा सिंह राजपूत ने अपनी विशेषज्ञता साझा करते हुए नए आपराधिक कानूनों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह पर अब आवश्यक कानून लागू हो गए हैं। जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह पर भारतीय न्याय संहिता (भारतीय न्याय संहिता), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह पर भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू किए गए हैं। इन नए कानूनों के माध्यम से आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं।

इस मौके पर विभाग के हेड दिग्विजय सिंह सिकरवार, प्रोफेसर महेंद्र कुमार, प्राचार्य शास.पी.जी. कॉलेज शिवपुरी, जनभागीदारी समिति अध्यक्ष अमित भार्गव और विभाग के अन्य फैकल्टी सदस्य और कॉलेज के सभी छात्र शामिल हुए।

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