कोलारस - कोलारस परगने में रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि प्रशासन का यूज माफिया इंट्री एवं राजनिति की दम पर फुटवॉल की तरह कर रहे है कोलारस परगने में सिंध नदी पर बने स्टॉप डेमों के गेट लगाने से लेकर प्रशासन एवं पुलिस को मौन साधने के लिये माफियाओं ने मजबूर कर रखा है हालत इतनी खराब हो चुकी है कि जिन स्थानों पर रेत एवं पानी का भण्डार है उस स्थान पर खुलेआम रेत निकालने के लिये पनडुब्बी इंजन के सहारे रेत निकालने का कारोवार कोलारस के कई घाटों पर आकर देखा जा सकता है कोलारस परगने के पचावली, साखनौर, लिलवारा, बूढ़ाडोंगर, डंगौरा सहित सिंध से लगे हुये करीब एक दर्जन घाटों के सहारे से रेत का कारोवार खुलेआम चल रहा है सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रेत माफिया प्रतिदिन रॉयल्टी चोरी कर अवैध रूप से रेत निकालकर शासन को 10-20 लाख का चूना लगाने का कार्य कर रहे है।
बता दे कि कोलारस परगने में काफी लम्बे समय से सिंध से निकलने वाली रेत का कारोवार माफियाओं द्वारा खुलेआम खेला जा रहा है करीब आधा दर्जन से भी अधिक स्थानों से सिंध नदी से रेत का अवैध उत्खनन जारी है देखने वाली बात यह है कि बिना रॉयल्टी के रेत माफिया शासन को प्रत्येक माह करोड़ों का चूना लगा रहे है और इस पर अंकुश लगाने के लिये तैनात खनिज विभाग, राजस्व विभाग, वन विभाग के अधिकारियों को इस कारोवार की जानकारी होने के बाद भी इन विभागों के आला अधिकारी मौन साधे हुये है।
रेत माफियाओं का खुला खेल चल रहा है प्रशासन सब कुछ जानते हुये भी मौन साधे हुये है इस संबंध में बताया कि कोलारस परगने में सिंध नदी पर बने स्टॉप डेम के गेट बीते दो वर्षो से खुले हुये है और जिन स्थानों पर सिंध नदी में पानी भरा हुआ है उस स्थान पर पनडुब्बी एवं जेसीवी के सहारे रेत का कारोवार जारी है कोलारस सिंध नदी पर करीब एक दर्जन स्थानों से सिंध की काली रेत निकालने का कारोवार दिन रात जारी है बिना रॉयल्टी के अवैध उत्खनन कोलारस में खुलेआम चल रहा है आखिर कार्यवाही न होने से माफियाओं की मौज, नेताओं की बदनामी, प्रशासन की नाकामी कोलारस परगने में खुलेआम देखने को मिल रही है।