लोगों के बीच फिर पहुंची पथराव में फंसी दो डॉक्टर, रहवासियों ने मांगी माफी बोले- आप बहन जैसी, गलती हो गई


इंदौर. टाटपट्‌टी बाखल में बुधवार को डॉक्टरों पर पथराव की घटना के बाद गुरुवार को डॉक्टर और मेडिकल टीम प्रशासनिक अफसरों के साथ पहुंची। पथराव में फंसी दोनों महिला डॉक्टर डॉ. तृप्ति कटारिया और डॉ. जाकिया भी उसी जज्बे के साथ ड्यूटी पर पहुंच गईं। अपर कलेक्टर दिनेश जैन, एएसपी, टीआई, तहसीलदार की मौजूदगी में रहवासियों ने स्वीकारा कि हमसे और बच्चों से गलती हो गई। आप तो हमारी सुरक्षा के लिए हो। आप अपना काम करें, हम पूरा सहयोग करेंगे। इधर, चंदननगर थाना क्षेत्र की दो मस्जिदों में रह रहे तबलीगी जमात के 25 जमातियों को देर रात पुलिस ने रेस्क्यू कर निकाला। सभी को ताराकुंज गार्डन में क्वारेंटाइन किया है।

डॉक्टरों ने कहा- अचानक सौ-सवा सौ लोगों ने हमला किया था

बुधवार को पथराव में फंसी दोनों महिला डॉक्टर डॉ. तृप्ति कटारिया और डॉ. जाकिया दूसरे दिन गुरुवार को उसी जज्बे के साथ ड्यूटी पर पहुंच गईं। डॉ. तृप्ति ने भास्कर को बताया, ''हम रैपिड रिस्पांस टीम में हैं और रोज कोरोना संक्रमित इलाकों में जा रहे हैं। दोपहर करीब डेढ़ बजे सिलावटपुरा क्षेत्र के टाटपट्टी बाखल में स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे। मेरे साथ डॉ. जाकिया, एक आशा कार्यकर्ता और दो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता थीं। हमें एक घर में कोरोना वायरस संदिग्ध मरीज होने की जानकारी मिली थी। दरवाजा खटखटाया तो एक महिला बाहर आई। हम जानकारी मांग रहे थे। महिला किसी और को बुलाने का बोलकर भीतर चली गई। अचानक सौ-सवा सौ लोग सामने से आए और चिल्लाने लगे, मारो-मारो। पत्थर मारना भी शुरू कर दिया। समझ नहीं आया कि आखिर हुआ क्या? हम तो उनकी सेहत के लिए वहां गए थे। जान बचाते हुए बाहर की तरफ आए तो तहसीलदार गाड़ी लेकर हमारे पास आ गए। ये लोग समय से नहीं पहुंचते तो मुश्किल हो जाती।

बुधवार को पथराव में फंसी दोनों महिला डॉक्टर डॉ. तृप्ति कटारिया और डॉ. जाकिया दूसरे दिन गुरुवार को उसी जज्बे के साथ ड्यूटी पर पहुंची।

लाइव: जैसे ही आए, 30 सेकंड में पत्थर आने लगे, शायद हम वापस नहीं जा पाते
गुरुवार को डॉक्टर और मेडिकल टीम प्रशासनिक अफसरों के साथ टाटपट्‌टी बाखल पहुंची। रहवासियों ने स्वीकारा कि हमसे और बच्चों से गलती हो गई। आप तो हमारी सुरक्षा के लिए हो, हम पूरा सहयोग करेंगे।
डॉक्टर्स- हम जैसे ही यहां आए, 30 सेकंड में ही पत्थर आने चालू हो गए। शायद हम वापस ही नहीं जा पाते।
रहवासी- यहां बच्चों से जो गलती हुई है, वह किसी गलतफहमी से हुई। ये छुटभैये नेताओं के कारण हुआ।
डॉक्टर्स- हमें पता है यहां पॉजिटिव मरीज आया, फिर भी जान पर खेलकर हम यहां आए।
रहवासी- मैडम हम माफी मांगते हैं। आप बहन जैसी हैं। अब आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ देंगे। आज 12 दिन हो गए। हमारे बच्चों से थोड़ी सी गलती हो गई। आप भी हमारी मदद कर रहे हैं, हमें मालूम है। जिन बच्चों ने किया, उन्हें थाने पर बैठा दिया है। पुलिस, प्रशासन हमारी बहुत मदद कर रहा है। फ्री दवाएं दे रहे हैं, कैंप लगा रहे हैं। पूरे मोहल्ले को घर से बाहर बुला-बुलाकर दवाई दे रहे हैं।
डॉक्टर्स- भीड़ को अलग करते हुए- आप लोग थोड़ा-थोड़ा दूर खड़े रहें अभी भी। डिस्टेंस बनाकर ही रखें। हम तो सपोर्ट में ही हैं। हम पूरे सिस्टम के लिए बात कर रहे हैं। बस आप सहयोग करें, सब कुछ ठीक होगा।
रहवासी- हम साथ हैं। अब शिकायत नहीं आने देंगे।

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