हरिद्वार कुंभ मेला मोनी अमावस्या,शाही स्नान 11 फरवरी
भारत में कुंभ मेला प्रारंभ हो चुका है। पहला स्नान 14 जनवरी को श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। कोरोना काल में माना जा रहा था कि covid-19 के कारण कम श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचेंगे पर ऐसा नहीं हुआ लाखों श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आरती की और आस्था की 3 डुबकी लगाई नन्हे-मुन्ने बच्चों और बुजुर्गों ने भी कड़कड़ाती ठंड में डुबकी लगाई, माना जा रहा है की अगलास्नान मोनी अमावस्या तारीख 11 फरवरी के दिन 26 लाख श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाएंगे। हिंदुओं का पर्व कुंभ मेला एक अलग ही माना जाता है
कुंभ मेला में जाने से पहले ध्यान रखने वाली बातें*
1: केवल मास्क लगाकर ही हर की पौड़ी पर प्रवेश दिया जाएगा।
2: सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा ।
3: कुंभ मेला आने से पहले रेलवे स्टेशन पर अपना और अपने परिवार का विवरण देना होगा।
कुंभ मेला में रुकने के लिए काफी मात्रा में होटल और धर्मशाला मौजूद है । हरिद्वार में ₹300 से लेकर ₹2000 होटल धर्मशाला उपलब्ध है।
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हरिद्वार महाकुंभ 2021 में भाग लेने के लिए निम्नलिखित जानकारी को ध्यान से पढ़ें।
| Online Registration for Haridwar Kumbh Mela 2021 |
1 | Haridwar Kumbh Mela 2021 Online registration link | http://haridwarkumbhpolice2021.com |
2 | Uttarakhand Tourism Online registration | http://smartcitydehradun.uk.gov.in https://dsclservices.org.in/apply.php |
3 | Kumbh Mela start date | 14/01/2021 |
4 | Shahi Snan (Bathing dates) | Mouni Amavasya – 11/02/2021 Basant Panchami – 16/02/2021 Magh Poornima – 27/02/2021 Maha Shivratri (Shahi Snan) – 11/03/2021 Somvati Amavasya (Shahi Snan) – 12/04/2021 Baisakhi (Shahi Snan) – 14/04/2021 Ram Navmi – 21/04/2021 Chaitra Poornima (Shahi Snan)– 27/04/2021 |
5 | Contact Details | 011334223999 |
6 | Control Room | 07900224224 |
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प्रशासन की गाइड लाइन में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की बात कही गई है परंतु इसे कहीं चेक नहीं किया जा रहा है। लेकिन प्रशासन की व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए और जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाते हुए हमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। हरिद्वार महाकुंभ में प्रशासन के नियमों का पालन करें और इस पर्व को सफल बनाने में मदद करें। आपकी यात्रा मंगलमय हो यह हम कामना करते हैं।
ऋषिकेश जरूर जाएं
ऋषिकेश में आप देखेंगे कि राम झूला, लक्ष्मण झूला और मां गंगा का विशाल रूप वहां भी एक आस्था की डुबकी लगाएं। ऋषिकेश में माना जाता है कि यहां संत रिहाना ऋषि ने गंगा नदी के किनारे तपस्या की थी जिससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु यहां ऋषिकेश के रूप में प्रकट हुए थे। और इसी लिए इस जगह का नाम ऋषिकेश पड़ा।
एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात है की ऋषिकेश आने जाने के लिए बसे हरिद्वार से सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक चलती हैं। इसके बाद प्राइवेट टैक्सी या स्वयं के वाहनों से आया जाया जा सकता है।