एसडीएम साहब आपके व्यवहार से आधा सैंकड़ा अधिकारी-कर्मचारी असंतुष्ट
हरीश भार्गव - रोहित वैष्णव कोलारस - कोलारस अनुविभाग के अधिकारी गणेश जसवाल के द्वारा कोलारस एसडीएम का पदभार संभालने के बाद प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिये कोलारस एसडीएम द्वारा अभी तक जो प्रयास किये गये है। उनका असर यहां तक होने लगा है। कि अधिकारी एवं कर्मचारियों में कसाबट देखने को मिल रही है साथ ही कोलारस एसडीएम द्वारा काम के बीच अधिकारी एवं कर्मचारियों को फटकार के साथ जो शब्द कहें जा रहे है। उनसे अधिकारी एवं कर्मचारियों में भय का माहौल इतना व्याप्त हो चुका है। कि अधिकारी एवं कर्मचारी कोलारस मुख्यालय से रवानगी से लेकर निलम्वित होने तक तैयार है। यह सब स्थिति इस लिये पैदा हुई है। उसका मुख्य कारण कोलारस एसडीएम द्वारा शासकीय जानकारियों से लेकर जनता को सुविधा देने के उद्देश्य से जिस प्रकार प्रशासनिक अमले में कसाबट लाई जा रही है। उसके चलते कोलारस अनुविभाग के कोलारस से लेकर बदरवास एवं नवीन नगर परिषद रन्नौद तक के अधिकारी एवं कर्मचारियों में भय का माहौल व्याप्त है। हालात यहां तक पहुंच चुके है। कि आधा सैंकड़ा अधिकारी एवं कर्मचारी दो टूक कह रहे है। कि एसडीएम साहब एक वर्ष टिक गये तो वर्तमान अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी कोलारस से दूसरे अनुविभाग के लिये निकल लेंगे।
पूर्व एसडीएम तिवारी ने माफियाओं को दौड़ाया, वर्तमान एसडीएम अधीनस्थ अमले को दौड़ा रहे है
कोलारस - कोलारस में पूर्व एसडीएम के रूप में सेवा देने वाले आशीष तिवारी को माफियाओं का दुश्मन के नाम से कोलारस क्षेत्र के लोग पुकारते थे। उनके कार्यकाल में रेत, गिट्टी माफियाओं में भय का माहौल व्याप्त था साथ ही उन्होंने अतिक्रमण विरोधी अभियान में भी काफी पक्के मकान तोड़े जिसमें मूलतः भाजपा से जुड़े लोगो को टारगेट किया गया। चूकि तिवारी जी की कोलारस से विदाई हो चुकी है। उनके कार्यकाल में किये गये कार्यो को खनन माफिया एवं भाजपा के लोग जिनके अतिक्रमण टूटे वह उन्हें जिन्दगी भर नहीं भूल पायेंगे। किन्तु हम बात कर रहे है। वर्तमान एसडीएम गणेश जसवाल की तो इनका कार्य व्यवहार लगभग सभी अनुविभागों में एक जैसा ही रहा है। इनके द्वारा शासकीय योजनाओं की समय पर जानकारी से लेकर मुख्यालय पर रहकर जनता को सुविधा देने के लिये यह अपने अधीनस्थ अमले में कसावट लाने का प्रयास करते है। इन्हीं प्रयासों के चलते इनके द्वारा जब संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों को फटकार लगाई जाती है। तो वह पूर्व की भांति लापरवाही में सुधार लाने की जगह कोलारस अनुविभाग से निकल लेने का प्रयास करते है और कोलारस एसडीएम के द्वारा प्रशासनिक अमले में लाई जा रही कसावट का परिणाम इस रूप में आने लगा है। कि कई विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी कोलारस से निकलने का मन बना रहे है।