-3 दिन चली मुहिम थमने के बाद और बढ़ गए अवैध भूखंडों के रेट्स
-करोड़ों के वारे न्यारे कर रहे हैं भू-माफि या, प्रशासन के हिस्से आ रही हैं समस्याएं
संजय बेचैन शिवपुरी - शहर में और शहर के आउट एरिया में प्राइम लोकेशन की सरकारी जमीनों के समीप किए जा रहे अवैध कॉलोनाइजेशन का खामियाजा गाहे.बगाहे यहां के जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को भुगतना पड़ रहा है, साथ ही साथ वह लोग भी ठगी का शिकार हो रहे हैं जो इन अवैध कॉलोनियों में अपने जीवन भर की पूंजी जुटा कर भूखंड अथवा फ्लैट खरीद रहे हैं। दरअसल हो यह रहा है कि अवैध कॉलोनाइजर कहीं भी खेत खरीद कर वहां नियम विरुद्ध ढंग से कॉलोनी काट देते हैं और सरकारी भूमि का इस्तेमाल राजस्व के मैदानी अमले से मिलीभगत कर आसानी से कर लेते हैं। आने वाले कल में जब अविकसित कॉलोनियों में समस्याएं खड़ी होती हैं तो नागरिक इसके लिए प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कोसते हैं। धरने प्रदर्शन कर इन कालोनियों में विकास के लिए दबाव बनाया जाता है, नतीजतन शासन और प्रशासन को ना चाहते हुए भी इन अवैध कॉलोनियों में विकास कार्य कराने पड़ते हैं। इस पूरे खेल को गौर से देखें तो इसमें सिर्फ और सिर्फ भू माफिया ही लाभान्वित हो रहे हैं, वे करोड़ों की पूंजी बना कर चलते बनते हैं और लोग यहां प्रशासन के साथ हमेशा टकराव की मुद्रा में खड़े होकर परेशानी कूटते दिखाई देते हैं।
3 दिन चलकर बंद हो गई मुहिम फि र सक्रिय माफि या
कलेक्टर ने भू माफि याओं के खिलाफ अभियान की शुरुआत बेहतरीन तरीके से की थी लेकिन यहां 29 जून से शुरू हुई मुहिम 1 जुलाई तक थम गई क्योंकि मैदानी अमले ने कार्यवाही कम दिखावा अधिक किया और मात्र चंद मुरम के रास्तों को तितर.बितर कर कार्यवाही को विराम दे डाला, जबकि होना यह चाहिए था कि जिन लोगों ने भी खेतों में अवैध कॉलोनियां खड़ी की हैं उनके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज की जा कर क्षेत्र के राजस्व अमले के विरुद्ध भी एक्शन लिया जाता तो कोई कारण नहीं था कि यह कार्यवाही प्रभावी साबित ना होती। यह बता दें कि कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने लगभग 5 माह पूर्व यही निर्देश प्रशासन को दिए थे कि वह अवैध कॉलोनी काटने वालों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करें और अब नई कॉलोनी अवैध तौर पर न बसने दें लेकिन ऐसा हो ना सका क्योंकि राजस्व के मैदानी अमले की सांठगांठ भू माफियाओं से होने का मसला आड़े आ गया।
मुहिम थमते ही क्या कुछ हुआ शहर में
3 दिन चली अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध मुहिम जब परिणाम मूलक नहीं रही थी, मुहिम के विराम पाते ही भू माफि याओं ने और भी ताकत से यहां अवैध कृत्य शुरू कर दिए उदाहरणार्थ कलेक्टर कोठी के ठीक सामने ही भू माफि याओं ने प्रशासन द्वारा तहस.नहस किए गए रास्तों को अब बाउंड्री वॉल खड़ी कर फि र से दुरुस्त कर लोगों को भरमाना शुरू कर दिया है। शिव कॉलोनी में भी विवादित नाले पर भू माफि या काबिज हो गए हैं। यहां सरकारी नाले को नाली में बदल डाला गया है। भूदान की जमीनों पर रेवेन्यू सेक्रेटरी द्वारा कराई गई जांच में भी मैदानी अमले ने लीपापोती कर इस भूमि को खुर्दबुर्द कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यहां पटवारी तक सरकारी जमीनों से रास्ते हड़प चुके हैं। नोहरी क्षेत्र में सर्वे क्रमांक 644 की स्टार वैली कॉलोनी को अवैध होते हुए भी कार्यवाही से अछूता रखा गया, नतीजतन यहां के रेट्स और हाई हो गए हैं। तर्क दिया जा रहा है कि सब कुछ सही था इस कारण प्रशासन ने यहां कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझा। वृंदावन धाम कॉलोनी में सरेआम भूखंड के विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं जबकि बाईपास क्षेत्र में स्थित यह कॉलोनी नितांत अवैध है। पीएस होटल के पीछे अवैध कॉलोनाइजेशन देखते देखते हो गया और अब वहां विकास कार्य भी शुरू कर दिए गए जो सीधे.सीधे भू माफि याओं को लाभ पहुंचाने के अतिरिक्त और कुछ नहीं कहा जा सकता।