मध्य प्रदेश के 34 रेलवे स्टेशनों का 1 हजार करोड़ रुपए से होगा पुनर्विकास - MP News



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास कार्यों का वर्चुअली शिलान्यास किया। इस योजना में देश के 508 रेलवे स्टेशनों समेत मध्य प्रदेश के 34 रेलवे स्टेशनों का भी विकास होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। वहीं, राज्यपाल मंगु भाई पटेल संत हिरदाराम नगर के रेलवे स्टेशन पर शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इतने सारे स्टेशनों के आधुनिकीकरण से देश में विकास के लिए नया वातावरण बनेगा। यह अमृत रेलवे स्टेशन अपनी विरासत पर गौरवान्वित होने और हर नागरिक में गर्व की भावना उत्पन्न करने के प्रतीक होंगे। हमारा बल भारतीय रेल को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर है। अब यह हमारा उत्तरदायित्व है कि हम रेलवे को एक बेहतर पहचान और आधुनिक भविष्य से जोड़ें। 

राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने भोपाल के संत हिरदाराम नगर रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के 34 रेलवे स्टेशनों का शिलान्यास किए जाने पर प्रदेश की जनता की तरफ से प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे के पुनर्विकास की बड़ी सौगात दी है। राज्यपाल ने कहा कि योजना के तहत सभी कार्य उच्च गुणवत्ता और निश्चित समय सीमा में पूरे किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ऐतिहासिक निर्णयों से देश में बड़े बदलाव हो रहे है। देश में विकास की गति बढ़ने के साथ ही जनता की सुविधाएं बढ़ रही है। राज्यपाल ने बताया कि प्रदेश समेत देश के हजारों स्टेशन पर वाई फाई की सुविधा, रेलवे ट्रेक का विद्युतीकरण समेत स्टेशनों पर वन स्टेशन-वन प्रोड्क्ट योजना के तहत कारीगर के कपड़े, कलाकृतियां, पेटिंग के सैकड़ों आउटलेट खोल कर लाखों रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए है। 
यह सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी 
इस योजना के अंतर्गत चयनित स्टेशनों में स्टेशन भवन का सुधार और स्थानीय कला तथा संस्कृति के तत्व का समावेश करते हुए सौंदर्यीकरण किया जाएगा। साथ ही सर्कुलेटिंग एरिया और आगमन/प्रस्थान बिल्डिंग का भी पुनर्विकास किया जाएगा। जिनमें स्टेशन पहुंच मार्ग के लिए नई सड़कें, पैदल पथ, पार्किंग तथा सुगम यातायात की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत नियोजित सुविधाओं में अवांछित संरचनाओं को हटाकर रेलवे स्टेशनों तक सुचारू पहुंच, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, बेहतर परिसंचारी क्षेत्र, उन्नत पार्किंग स्थान, दिव्यांगजन अनुकूल बुनियादी ढांचा, हरित ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण के अनुकूल भवन आदि शामिल हैं। 

स्टेशन डिजाइन के मानक तत्वों में होंगे
• स्टेशनों को 'सिटी सेंटर' के रूप में विकसित करना।
शहर के दोनों किनारों का एकीकरण।
स्टेशन भवनों में सुधार/पुनर्विकास।
• अच्छी तरह से डिजाइन की गई आधुनिक यात्री सुविधाओं का प्रावधान।
• अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया यातायात परिसंचरण और अंतर-मॉडल एकीकरण। 
• यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए समान और अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए संकेत।
• मास्टर प्लान में उपयुक्त संपत्ति विकास का प्रावधान।
• भूनिर्माण, स्थानीय कला और संस्कृति।

देश भर के 508 रेलवे स्टेशन 
देश भर के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकसित ये 508 स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिल नाडु में 18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं।

प्रदेश के इन 34 रेलवे स्टेशन का होगा पुनर्विकास
प्रदेश में बैतूल, खजुराहो, इटारसी, आमला, देवास, गाडरवारा, गुना, दमोह, जुन्नारदेव, सिहोरा रोड, घोड़ाडोंगरी, विक्रगढ़, आलोट, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, मुलताई, रीवा, सागर, पांढुर्ना, डबरा, मुड़वारा, शामगढ़, श्रीधाम, मैहर, गंजबासौदा, ब्यावरा, शिवपुरी, करेली, रुठियाई, बानापुरा,   संत हिरदाराम नगर, नेपानगर, कटनी रेलवे स्टेशन शामिल है। 

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