मध्य प्रदेश में नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान ने दिखाई दरियादिली, पार्टी से प्रचार के लिए सात लाख रुपये लौटाए - MP News


पंकज पाराशर - चुनाव कोई भी हो, बिना पैसे के इस दौर में नहीं जीता जाता। इस मानसिकता को क्षेत्र के नव निर्वाचित विधायक डॉ तेजबहादुर सिंह चौहान ने बदलते हुए मात्र 12 लाख 50 हजार रुपये खर्च कर कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाई। 15,900 से अधिक मतों से कांग्रेस प्रत्याशी को पराजित किया।

इधर पार्टी द्वारा दी गई राशि में से सात लाख से भी अधिक की राशि प्रदेश पार्टी कार्यालय में जमा कराकर मिसाल कायम की। इस दौर में पंच से लेकर लोकसभा तक के चुनाव बिना पैसे के लड़ना संभव नहीं होने की चर्चा होती है। चुनाव आयोग ने भले ही एक निर्धारित राशि खर्च करने का नियम बना रखा है, पर उससे कई गुना ज्यादा खर्च चुनावों में होता है। ज्यादातर विधानसभा चुनावों में ऐसा सुनने में आता है।

भाजपा ने प्रत्याशी को दिए खर्च के पैसे

नागदा-खाचरौद विधानसभा के इस बार चुनाव में भाजपा ने ऐसे प्रत्याशी को मैदान में उतारा जिनके पास एक हजार रुपये भी जेब में नहीं थे, जब उनकी टिकट की घोषणा हुई। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने भाजपा प्रत्याशी डॉ तेजबहादुरसिंह चौहान को तीन लाख रुपये देकर चुनाव प्रचार प्रारंभ कराया था।

20 लाख रुपये प्रत्याशी को दिए गए थे

पार्टी के प्रदेश कार्यालय से किस्तों में 20 लाख रुपये प्रत्याशी को दिए गए थे। इसमें से भी उन्होंने सात लाख व कुछ रुपये बचाकर कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले नागदा-खाचरौद विधानसभा चुनाव में 15,927 मतों से दिलीपसिंह गुर्जर को हराया। बची राशि भोपाल जाकर कार्यालय में जमा करा दी। यह पहला ही उदाहरण होगा जो पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए दी गई राशि बचाकर पुन: पार्टी कार्यालय में जमा कराई।

बता दें कि 15 माह रही कांग्रेस की सरकार के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए विधायकों के कारण उप चुनाव हुए थे, इसमें सुवासरा में भाजपा ने हरदीपसिंह डंग को चुनाव मैदान में उतारा था। वहां के चुनाव प्रभारी डा. तेजबहादुरसिंह चौहान को बनाया था। उस समय भी इन्होंने पार्टी द्वारा दी गई राशि को बचाकर पुन: कार्यालय में जमा कराई थी।

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