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कोलारस - नवरात्रि कोई छोटा - मोटा पर्व या त्योहार नहीं है बल्कि यह तो एक शक्ति को अर्जित करने का परम शुभ अवसर है भगवती शक्ति की उपासना तो साक्षात् नारायण ने भी की है श्री राम ने भी की है एवं श्रीकृष्ण ने भी नवरात्रि का अनुष्ठान किया है कोई प्राणी अगर भगवती शक्ति की उपासना करता है तो इसमें कोई संशय नहीं है कि उसका कोई कार्य होने से रुक सकता हैं यह प्रवचन लुकवासा के मुड़ियाखेड़ा धाम पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर आचार्य बृजभूषण महाराज ने दिए और उन्होंने बताया कि बताया की शक्ति की उपासना के बिना कोई भी व्यक्ति उच्च पद को प्राप्त नहीं कर सकता है नवरात्रि में नौ ही देवियां परम शक्ति का स्वरूप मानी गई आचार्य जी ने बताया की जो आज खाटूश्याम बनाकर के पूजे जा रहे हैं वह बर्बरीक है एवं बर्बरीक को बालपन में ही नवदुर्गाओ ने आशीर्वाद प्रदान किया था एवं शक्तियों को प्रदान किया था उन्हीं देवियों के प्रताप से वर्वरिक आज खाटू श्याम बनाकर के समस्त संसार में सभी के मनोरथ सिद्ध कर रहे हैं आचार्य जी ने बताया कि भगवती की उपासना सभी को करना चाहिए अगर बन सके तो नौ दिन व्रत में रहकर के अनुष्ठान करना चाहिए ज्योति जलानी चाहिए अगर हो सके तो अधिक से अधिक दान पुण्य भजन कीर्तन नवरात्रि में अवश्य करना चाहिए इससे हमारे कुल की वृद्धि होती है संतति की वृद्धि होती है एवं भगवती हम सबके लिए वरदान दे करके हमारे कार्यों को सिद्ध करती है।महाराज ने कथा के प्रसाद कथा के प्रसंग में सुंदर लीलाओं का दर्शन कराया एवं कथा के अंत में सुंदर कृष्ण जन्मोत्सव भी मनाया गया इस कथा का आयोजन 11 अप्रैल से 17 अप्रैल तक रखा गया है एवं कथा का समय 2:00 बजे से 6:00 बजे तक रखा गया है।