कोलारस - कोलारस परगने में 03 तहसील एवं 06 उप तहसील को मिलाकर कोलारस परगने में लाखों की आवादी निवास करती है जहां जमीन के क्रय-विक्रय के लिये एक मात्र रजिस्ट्रीकरण कार्यालय के रूप में कोलारस में सब रजिस्टार कार्यालय कई वर्षो से संचालित हो रहा है कोलारस में राज्य शासन द्वारा सब रजिस्टार पद भी कोलारस के लिये रखा है किन्तु कोलारस में काफी लम्बे अंतराल से सब रजिस्टार का पद खाली पड़ा हुआ है यहां रजिस्टार का कार्य बाबू कर रहा है जबकि बाबू का कार्य भृत्य कुल मिलाकर बाबू एवं भृत्य मिलकर प्रतिदिन होने वाली रजिस्ट्रियों में लाखों रूपयें की अवैध बसूली कर रहे है और सब कुछ देखने के बाद भी प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि मौन साधे हुये है जोकि समझ से परे है।
कोलारस सब रजिस्टार कार्यालय में दलालों का राज्य चलता है यहां बिना दलाली के जमीन के विक्रय पत्र का रजिस्ट्रीकरण नहीं हो सकता है यहां दलालों ने जो दर निर्धारित कर रखी है उस हिसाब से एक लाख रूपये तक के स्टाम्फ शुल्क पर 500/-रू. कमीशन के रूप में सब रजिस्टार कार्यालय के बाबू को भेंट के रूप में चड़ाना पड़ता है यदि रजिस्ट्री के दौरान किसी रजिस्ट्री में कोई कमी या दस्तावेज कम होते है तो उनकी पूर्ति के लिये प्रथक से सेवा शुल्क के रूप में भेंट चड़ानी पड़ती है कोलारस सब रजिस्टार कार्यालय में प्रतिदिन 02 दर्जन के आस-पास रजिस्ट्रियां होती है और सीजन के समय इनकी संख्या 04 दर्जन तक पहुंच जाती है इस हिसाब से प्रतिदिन का एवरेज निकाला जाये तो प्रतिदिन एक लाख से लेकर दो लाख तक की अवैध बसूली कोलारस क्षेत्र के लोगो से कोलारस सब रजिस्टार कार्यालय के बाबू एवं भृत्य कर रहे है और सीजन के दौरान यही अवैध बसूली दो गुनी तक पहुंच जाती है दलालों के द्वारा प्रतिदिन होने वाली अवैध काली कमाई को बाबू एवं भृत्य मिलकर डकार रहे है अथवा इसका हिस्सा प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक पहुंच रहा है मामला समझ से परे है क्योंकि कोलारस क्षेत्र के अनेक लोगो से लेकर किसान लूट का शिकार हो रहे है और प्रशासन से लेकर सत्ताधारी मौन साधे हुये है और विपक्ष की भूमिका निभाने वाली कांग्रेस सायलेंट मोड़ में दिखाई दे रही है।