देश की आधी आबादी ठगी का शिकार है, जिनके नाम से भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित हुए हैं उनसे पारश्रमिक की वसूली की जावे
शिवपुरी - शिवपुरी के वकील रमेश मिश्रा ने भारत सरकार से मांग की है कि सहारा इंडिया व अन्य चिटफंड कंपनियों के विज्ञापन, सूचना या ऐसा कोई कथन समाचार पत्रों या अन्य किसी प्रकृति के प्रकाशन में प्रकाशित हुए हैं , जिससे उत्प्रेरित होकर निवेशकों ने अपनी राशि उनकी कंपनियों मे जमा कराई है ओर जो उनके द्वारा वायदे के अनुसार नही लौटाई गई है निवेशकों के साथ ठगी, बेईमानी ओर धोखाधड़ी की है उन समाचार पत्रों व किसी अन्य प्रकृति के प्रकाशन को यह आदेश ओर निर्देश दे कि वह उक्त कथन या विज्ञापन को पूर्ण ओर उचित रूप से वापिस लेते हुए निशुल्क ऐसी रीति से खंडन प्रकाशित करे जैसा पहले प्रकाशित किया गया था जिन नेता, अभिनेता खिलाड़ी आदि नामी गिरामी लोगों द्वारा विज्ञापन, सूचना देकर आम जन को चिट फंड कंपनियों में राशि जमा करने हेतु प्रेरित किया, उनसे इस हेतु लिए गए पारश्रमिक की वसूली की जावे।
एडवोकेट रमेश मिश्रा ने भारत सरकार के ही कानून अवीनियमित नीझेप स्कीम पाबंदी अधिनियम 2019 ( B U D S Act 2019 ) के अध्याय 8 की धारा 33 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही करने की भारत सरकार व राज्य सरकारों से मांग करी है आज सहारा इंडिया व अन्य चिटफंड कंपनियों द्वारा कई करोड़ रूपए की वेईमानी, ठगी व धोखाधड़ी कर, गरीब निवेशकों को उनकी जमा राशि नही लौटाई जा रही है।
आज देशभर में लगभग 42 करोड़ लोग ठगी पीड़ित गरीब निवेशक है जिनमें लगभग 13 करोड़ सहारा इन्डिया, लगभग 6 करोड़ पी ए सी एल इन्डिया के व अन्य चिट फंड कंपनियों के निवेशक है, परेशान निवेशकों के परिवार जन को मिला दें तो आधी से अधिक आबादी आज चिट फंड कंपनियों के कारण दुःखी व परेशान है गरीब जमाकर्ता वेवश ओर लाचार है उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है/ अब केवल कानून का ही सहारा है।