सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंटे परोसने पर सख्ती, देश की पहली याचिका ग्वालियर हाईकोर्ट में दायर - MP News



सोशल मीडिया पर फैल रही अश्लीलता और रील्स के जरिए उसका प्रचार करने के खिलाफ देश में पहली बार एक जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित मुरार निवासी अनिल बनवारिया द्वारा, उनके अधिवक्ता अवधेश सिंह भदोरिया के माध्यम से हाईकोर्ट में दायर की गई है। इस याचिका में सोशल मीडिया पर रील्स के जरिए अश्लील सामग्री दिखाए जाने और इसके समाज पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर चिंता जताई गई है।

हाईकोर्ट में इस मामले की अहम सुनवाई हुई, जिसमें न्यायालय ने केंद्र सरकार से सोशल मीडिया रील्स से जुड़े नियमों की जानकारी मांगी कोर्ट ने कहा कि रील्स पर अश्लीलता के प्रसारण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और क्या ऐसे मामलों में कोई ठोस नियम बनाए गए हैं।

याचिका में कहा गया है कि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर रील्स के माध्यम से अश्लीलता प्रसारित की जा रही है, जो कि भारतीय संविधान के तहत दंडनीय अपराध है, विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के तहत। इसके बावजूद, इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है और न ही एफआईआर दर्ज की जा रही है।


याचिका में यह भी मांग की गई है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री पर रोक लगाने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं और सेंसरशिप को मजबूती से लागू किया जाए। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर माना और मध्यप्रदेश शासन को पार्टी बनाने का आदेश दिया। साथ ही केंद्र सरकार के वकील से पूछा कि इस मुद्दे को रोकने के लिए केंद्र सरकार क्या कदम उठा सकती है और इसके लिए कौन से नियम लागू किए जा सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी। याचिका में फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और गूगल जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी पार्टी बनाया गया है।

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