शिवपुरी जिले का खनियाधाना पुलिस थाना बना ग्रीन पार्क :- रोशनी और हरियाली से पुलिस थाने की सुंदरता बनी आकर्षण का केंद्र
द टुडे टाइम्स (इंडिया) शिवम पांडेय खनियाधाना - खनियाधाना पुलिस थाना इन दिनों थाना प्रभारी सुरेश शर्मा के अथक प्रयासों से दूधिया रोशनी से जगमगा रहा है पुलिस थाना प्रांगण में हरियाली और ग्रीन पार्क आकर्षण का केंद्र बना हुआ है पुलिस थाने के सामने वाली लाइन में लगाए गए वृक्षारोपण एवं सुंदर फूल फुलवारी, फलदार वृक्ष आकर्षण का केंद्र बने हुए है इसके साथ ही बड़े-बड़े गमलों में थाने के मुख्य द्वार का फूल फुलवारा और हरियाली से खूबसूरत दिखाई दे रहा है।यह बदलाव अचानक नहीं आया। यह परिणाम है उस मन की सादगी और प्रकृति प्रेम की, जो टीआई सुरेश शर्मा के हृदय में बहता है। जब वे खनियाधाना थाने में पदस्थ हुए, तो उन्होंने केवल कानून-व्यवस्था संभालने की नहीं, बल्कि वातावरण को संवारने की भी ठान ली। और उन्होंने वो कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी शायद कम ही लोग करते हैं—उन्होंने थाने को बना दिया एक बगिया, एक उद्यान, एक ऐसा स्थल जहाँ समस्याएं लेकर आने वाला व्यक्ति भी पल भर को सुकून महसूस करे।
थाने की चौखट पर कदम रखते ही स्वागत करती है रंग-बिरंगी क्यारियाँ पैसर्व ब्लॉक से सजे रास्ते, हरियाली की चादर ओढ़े मैदान, और फूलों की मधुर सुगंध से सना वातावरण यह कोई आम थाना नहीं, यह एक संदेश है—कि व्यवस्था और संवेदना साथ-साथ चल सकती है, वर्दी में भी कविता बस सकती है।
यहां आम और अमरूद के हाइब्रिड पौधों की कोपलें भविष्य के फल का वादा करती हैं, तो टमाटर के पौधे आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाते हैं यह सिर्फ गार्डनिंग नहीं, यह एक सोच है—जो हर जिम्मेदार नागरिक को प्रेरणा देती है कि हम जहां हैं, वहीँ एक नई सुबह उगा सकते हैं।
सुरेश शर्मा का यह प्रयास केवल एक पुलिस थाने की सुंदरता नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए आईना है। जब नगरीय निकाय अपने दायित्वों से मुंह मोड़े हुए हैं, तब एक थाना प्रभारी यह दिखा रहे है कि इच्छाशक्ति हो तो कोई भी जगह स्वर्ग बन सकती है।
यह पहल निःस्वार्थ है, निष्कलंक है यह केवल पेड़-पौधे लगाने की नहीं, मनुष्यता के बीज बोने की यात्रा है आने वाले वर्षों में जब ये पौधे फलेंगे-फूलेंगे, तब शायद कोई अनजाना मुसाफिर इस बगिया से गुज़रेगा और एक टीआई के प्रेमपूर्ण श्रम को नमन करेगा।
प्रकृति के इस प्रहरी को सलाम, जिसने कानून की पुस्तक के साथ-साथ प्रकृति की कविता भी गढ़ी। खनियाधाना थाना आज सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन गया है—एक सुगंधित संदेश कि अगर चाहो तो कांटों के बीच भी गुलाब उगा सकते हो।
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