प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ गया सामूहिक विवाह सम्मेलन
कोलारस - ़शुक्रवार को कोलारस की कृषि उपज मंडी प्रांगण में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत नि:शुल्क विवाह सम्मेलन का आयोजन रखा गया सम्मेलन में सिर्फ कर्ताधर्ता ओं ने औपचारिकता निभाई यदि सम्मेलन का प्रचार-प्रसार होता तो और भी गरीब कन्याओं को इसका लाभ मिल जाता कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने पदभार ग्रहण करते ही राशि बढ़ाकर 51000 कर दी परंतु कोलारस जनपद पंचायत द्वारा कराए गए मुख्यमंत्री कन्या विवाह सम्मेलन में जमकर फर्जीवाड़ा कराया गया है मौके पर जब हमारे संवाददाता ने जाकर देखा तो वहापर ना के बराबर भीड़ मौजूद थी और कुर्सियां खाली पड़ी हुई थी ओके सम्मेलन में ना के बराबर व्यवस्थाएं देखकर ना तो जनप्रतिनिधियों ने कुछ कहा इसके चलते आयोजकों के हौसले बुलंद बने हुए हैं और वह शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं में जमकर चूना लगा रहे हैंजबकि शासन द्वारा भेजा गया बजट पूरा कागजी कार्रवाई कर ठिकानेलगाने की तैयारी कर ली गई जनपद पंचायत द्वारा कराए गए सामूहिक विवाह सम्मेलन में बहुत बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है यदि इस पूरे सामूहिक विवाह सम्मेलन की बारीकी से जांच की जाए तो फर्जीवाड़ा सबके सामने निकल कर सामने आ जाएगा।
फर्जी मेडिकल आधार में उम्र बढ़ाकर जमा करवाए फार्म
शासन द्वारा कोलारस की कृषि उपज मंडी प्रांगण में कराए गए सामूहिक मुख्यमंत्री कन्या विवाह सम्मेलन मैं ऐसे जोड़े भी मौजूद थे जिनकी उम्र अभी शादी लायक नहीं हुई है परंतु सम्मेलन के कर्ताधर्ता ओं ने ले देकर ऐसे फार्म भी जमा करा दिए और उनके विवाह संपन्न करा दिए यहां पर नाबालिग युवक युवतियों के तक विवाह संपन्न कराए गए पहले भी ऐसे मामले अनेक आए परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गईकोलारसमें आयोजित हुए इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में मात्र 15 जोड़े शादीकेबंधन में बंधे यदि प्रचार-प्रसार होता तो और अधिक जोड़ें हो जाते परंतु जनपद के कर्ताधर्ता ओं ने ना तो प्रचार प्रसार किया और ना ही सचिवों के द्वारा गांव में प्रचार कराया गया जिससे गरीब कन्याओं को लाभ शासन की योजना का मिल पाता कुल मिलाकर जनपद पंचायत द्वारा आयोजित कराए गए मुख्यमंत्री कन्या विवाह सम्मेलन में जमकर मनमानी फर्जीवाड़ा किया गया है यदि इस पूरे मामले की जांच की जाए तो बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा निकल कर सबके सामने आ सकता है
योजनाओ का लाभ नही मिल पा रहा ग्रामीणो को
सरकार ने आमजन के हित के लिए करोडों रुपयों की अनेकों योजनाएं चला रखी है। बाबजूद इसके आज भी योजनाओं का लाभ आम नागरिकों तक नहीं पहुँच पा रहा। सभी योजनाओं का नीचे से लेकर ऊपर तक बैठे भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत से शासन प्रशासन के जिम्मेदार लोग बंदरबाँट कर रुपयों को डकार जाते है। ऐसा ही मामला कोलारस जनपद की पंचायतों में देखने को मिल रहा है। जनपद विभाग ने भ्रष्टाचार के सारे मापदण्डों को बोना साबित कर दिया है। कोलारस जनपद विभाग के तो खेल ही निराला है। जनपद के कर्ता धर्ता भ्रस्टाचार के सभी आयामो को तोड एक नई इबारत लिखने में मशगूल नजर आते है। तभी तो पंचायतों के लगभग सभी कार्यो में भ्रष्टाचार की गंध आती है। पंचायतों में हो रहे कार्यो की जाँच कमीशन लेकर घर बैठ कर ही कर ली जाती है। तभी तो पंचायतों में सरकार की योजनाओं को कागजों में ही सिमटा दिया जाता हैं। या कोई निर्माण कार्य कराया भी जाता हैं तो उसकी गुणवत्ता घटिया किस्म की के निर्माणो का फोटो खींच इंजीनियर से मिल फर्जी बिल लगा कर पैसों का बंदरबाँट कर लिया जाता हैं। कुछ समय बाद निर्माण कार्य की कलई खुल जाती है और ग्रामीणों के लिए नासूर बन जाता हैं। जनपद के कर्ता धर्ता सिर्फ अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं। जिस कारण सरकार की योजना का गरीब लोगों तक फायदा नहीं पहुँच पा रहा। समय रहते अगर आला अधिकारियों ने जनपद कोलारस की करतूतों को संज्ञान में नहीं लिया तो भविष्य में कोलारस जनपद भ्रष्टाचार में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में नम्बर एक पर आने का तमगा हासिल कर रही होगी। या इसको साफ शब्दों में कहा जाए तो कोलारस जनपद भ्रष्टाचार का ग? बन चुका है। कोई भी जनप्रतिनिधि इसका बिरोध करता नजर नहीं आरहा। जिसका खामियाजा क्षेत्र की गरीब जनता को भुगतना पड रहा हैं। जनता के पैसों का गलत उपयोग किया जा रहा है। गरीब जनता के लिए योजनाओं के नाम पर लाखों रुपयों का कागजों में खर्च दिखा बंदरबाँट किया जा रहा है। ग्रामीण जनों का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि सरकार द्वारा अनेकों योजनायें चलाई गई लेकिन जनपद में भ्रष्टाचार के चलते धरातल पर आते आते कई योजनायें दम तो? देती हैं। या सरपंच, सचिव द्वारा भ्रष्टाचार के फंदे पर झुला दिया जाता है।
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