जन्म से लेकर 6 माह तक के शिशु के लिए माँ का दूध अमृत है, इसलिए शिशु के जन्म के एक घण्टे के अंदर स्तनपान कराना चाहिए। माँ के दूध में पाए जाने वाले कोल्स्ट्रम में सभी पोषक तत्व पाए जाते है, जो शिशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ते है। उक्त आशय की जानकारी स्वास्थ्य विभाग की काउन्सलर श्रीमती मंजू शर्मा ने आज महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक अगस्त से 07 अगस्त 2019 तक संचालित होने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के आयोजन के संबंध में आयोजित मीडिया कार्यशाला में व्यक्त किए।
आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्द्र शिवपुरी के हाल में आयोजित कार्यशाला में उपसंचालक जनसंपर्क श्री अनूप सिंह भारतीय, महिला एवं बाल विकास की परियोजना अधिकारी कु.पूजा स्वर्णकार, परियोजना अधिकारी श्री अमित यादव, पर्यवेक्षक श्रीमती रेखा श्रीवास्तव, माया मिश्रा, कमलेश शर्मा सहित मीडियाकर्मियों ने भाग लिया।
श्रीमती मंजू शर्मा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को कुपोषण दूर करने में काफी अहम भूमिका है। स्तनपान बच्चों में रोगों से लड़ने की शक्ति पैदा करता है। उन्होंने बताया कि माँ के दूध में पाए जाने वाले खीस (कोल्स्ट्रम) में सभी बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है और पर्याप्त मात्रा में पानी भी होता है। इसलिए शिशु को कभी भी पानी एवं अन्य तरल पदार्थ न दें।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए सुपरवाईजर श्रीमती रेखा श्रीवास्तव ने कहा कि मीडिया कार्यशाला के माध्यम से स्तनपान के महत्व को समाज में पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि म.प्र. में प्रतिवर्ष 14 लाख बच्चों में साढ़े 4 लाख बच्चों को जन्म के तुरंत बाद जीवन रक्षक खीस (कोल्स्ट्रम) मिलता है, यानी 9.2 लाख बच्चे बंचित रह जाते हैं। जिसमें केवल 8.2 लाख बच्चों को 6 माह तक केवल माँ का दूध दिया जाता है। उन्होंने बताया कि स्तनपान एवं ऊपरी आहार से शिशु मृत्युदर में 19 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है।
परियोजना अधिकारी कु.पूजा स्वर्णकार ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान आंगनवाड़ी स्तर पर 01 अगस्त 2019 को रैली का आयोजन, किशोरी बालिकाओं से दीवार लेखन, अंतिम त्रैमास की गर्भवती महिलाओं के घर-घर जाकर जन्म के एक घण्टे के अंदर स्तनपान की समझाईश, परिवारजनों को फें्रडशिप बेंड बांधे जाएगें, 02 अगस्त 2019 को स्वसहायता समूहों की सदस्यों से चर्चा, सभी सदस्यों को फेंरडशिप बेंड बांधना, 03 अगस्त को सरपंच एवं पंचायत प्रतिनिधियों के घर जाकर फे्रडशिप बेंड बांधना, 04 अगस्त को चैपाल का आयोजन, सरपंच एवं पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में जन्म के तुरंत बाद स्तनपान शुरूआत की आवश्यकता संबंधी जानकारी देने एवं फें्रडशिप बेंड बांधना तथा 06 अगस्त मंगल दिवस को अमृत उत्सव का आयोजन, स्तनपान के दौरान आने वाली समस्याओं एवं परेशानियों पर चर्चा, सफल स्तनपान कराने वाली महिलाओं से चर्चा की जाएगी।
परियोजना अधिकारी श्री अमित यादव ने कार्यशाला के उद्देश्यों एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शिशुओं को स्तनपान कराने हेतु जागरूकता लाने हेतु 01 अगस्त से 07 अगस्त तक प्रतिवर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जाता है।
श्रीमती मंजू शर्मा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को कुपोषण दूर करने में काफी अहम भूमिका है। स्तनपान बच्चों में रोगों से लड़ने की शक्ति पैदा करता है। उन्होंने बताया कि माँ के दूध में पाए जाने वाले खीस (कोल्स्ट्रम) में सभी बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है और पर्याप्त मात्रा में पानी भी होता है। इसलिए शिशु को कभी भी पानी एवं अन्य तरल पदार्थ न दें।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए सुपरवाईजर श्रीमती रेखा श्रीवास्तव ने कहा कि मीडिया कार्यशाला के माध्यम से स्तनपान के महत्व को समाज में पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि म.प्र. में प्रतिवर्ष 14 लाख बच्चों में साढ़े 4 लाख बच्चों को जन्म के तुरंत बाद जीवन रक्षक खीस (कोल्स्ट्रम) मिलता है, यानी 9.2 लाख बच्चे बंचित रह जाते हैं। जिसमें केवल 8.2 लाख बच्चों को 6 माह तक केवल माँ का दूध दिया जाता है। उन्होंने बताया कि स्तनपान एवं ऊपरी आहार से शिशु मृत्युदर में 19 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है।
परियोजना अधिकारी कु.पूजा स्वर्णकार ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान आंगनवाड़ी स्तर पर 01 अगस्त 2019 को रैली का आयोजन, किशोरी बालिकाओं से दीवार लेखन, अंतिम त्रैमास की गर्भवती महिलाओं के घर-घर जाकर जन्म के एक घण्टे के अंदर स्तनपान की समझाईश, परिवारजनों को फें्रडशिप बेंड बांधे जाएगें, 02 अगस्त 2019 को स्वसहायता समूहों की सदस्यों से चर्चा, सभी सदस्यों को फेंरडशिप बेंड बांधना, 03 अगस्त को सरपंच एवं पंचायत प्रतिनिधियों के घर जाकर फे्रडशिप बेंड बांधना, 04 अगस्त को चैपाल का आयोजन, सरपंच एवं पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में जन्म के तुरंत बाद स्तनपान शुरूआत की आवश्यकता संबंधी जानकारी देने एवं फें्रडशिप बेंड बांधना तथा 06 अगस्त मंगल दिवस को अमृत उत्सव का आयोजन, स्तनपान के दौरान आने वाली समस्याओं एवं परेशानियों पर चर्चा, सफल स्तनपान कराने वाली महिलाओं से चर्चा की जाएगी।
परियोजना अधिकारी श्री अमित यादव ने कार्यशाला के उद्देश्यों एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शिशुओं को स्तनपान कराने हेतु जागरूकता लाने हेतु 01 अगस्त से 07 अगस्त तक प्रतिवर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जाता है।
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