
Rajya Sabha passes Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Bill, 2019. #TripleTalaqBill pic.twitter.com/gVLh2wTzXK— ANI (@ANI) July 30, 2019
तीन तलाक बिल 26 जुलाई को इसी सत्र में लोकसभा से पास हो चुका है. मोदी सरकार पहली बार सत्ता में आने के बाद से ही तीन तलाक बिल को पारित कराने की कोशिश में जुटी थी. पिछली लोकसभा में पारित होने के बाद यह बिल राज्यसभा में अटक गया था, जिसके बाद सरकार इसके लिए अध्यादेश लेकर आई थी. इस लोकसभा में फिर से कुछ बदलावों के साथ यह बिल लाया गया था और अब लोकसभा के बाद राज्यसभा में इस बिल को पास कराने में सरकार सफल रही है.
रविशंकर प्रसाद बोले- हमने हार-जीत के बारे में नहीं सोचा
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि कानून के बिना पुलिस पीड़ित महिलाओं के शिकायत सुनने के लिए तैयार नहीं थी. मुस्लिम समाज बेटियों के लिए न्याय पर ही सवाल क्यों उठते हैं, यही सवाल 1986 में उठे थे और आज भी उठे हैं.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने देश हित में बगैर डरे फैसले लिए और चुनाव में हार-जीत के बारे में कभी नहीं सोचा. प्रसाद ने कहा कि हम आतंकवाद से लड़ने वाले लोग हैं. मंत्री ने कहा कि अगर इस्लामिक देश भी महिलाओं के लिए बदलाव की कोशिश कर रहे हैं तो लोकतांत्रिक देश होने के नाते हमें क्यों नहीं करना चाहिए. प्रसाद ने कहा कि गरीब परिवारों से ही तीन तलाक की 75 फीसदी महिलाएं आती हैं और हमें उनके बारे में विशेष तौर पर सोचना चाहिए.
इससे पहले रविशंकर प्रसाद ने बिल पेश करते हुए कहा कि आज सदन के लिए ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने आगे बिल को सदन में चर्चा के लिए पेश करते हुए कहा कि 20 से ज्यादा इस्लामिक देशों ने तीन तलाक को बैन कर दिया है और भारत जैसे देश में यह लागू नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे असंवैधानिक करार दिया है.
'शाहबानो मॉडल पर क्यों चल रही कांग्रेस'
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हिम्मत दिखाने वाली कांग्रेस पार्टी 1986 में शाहबानो के लिए न्याय के दरवाजे क्यों बंद करती है. 1986 से लेकर 2019 तक कांग्रेस पार्टी वहीं खड़ी है. कांग्रेस पार्टी आज भी शाहबानो मॉडल पर क्यों चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के बाद जब मेरे पास फाइल आई तो प्रधानमंत्री ने तुरंत कहा कि तीन तलाक की पीड़ितों के साथ खड़े हो जाओ, हम कोर्ट के भीतर और बाहर इन बहनों के साथ खड़े रहे.
बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने किया वॉक आउट
जेडीयू सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल के साथ नहीं है. उन्होंने कहा कि हर पार्टी की एक विचारधारा है और उसके पालन के लिए वह स्वतंत्र है. वशिष्ठ नारायण ने कहा कि विचार की यात्रा चलती रहती है और उसकी धाराएं बंटती रहती हैं लेकिन खत्म नहीं होती.
AIADMK ने भी किया विरोध
राज्यसभा में AIADMK सांसद नवनीत कृष्णन ने बिल को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि संसद को इस पर कानून बनाने का हक नहीं है. उन्होंने कहा कि तलाक कहने पर पति को जेल भेजना गलत है और उससे कैद में रहने के दौरान मुआवजा मांगनी भी ठीक नहीं है.
BJD ने दिया सरकार का साथ
बीजू जनता दल ने तीन तलाक बिल पर सरकार का साथ दिया. बीजेडी सांसद प्रसन्न आचार्य ने कहा कि हमारी पार्टी और ओडिशा में हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए लगातार काम करती आई है. हमारी पार्टी ने महिलाओं को बराबरी का प्रतिनिधित्व भी दिया है. बीजेडी सांसद ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. लेकिन बाकी वर्ग और धर्म की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भी सरकार को कदम उठाने चाहिए.