
दुनियाभर में अबतक कोरोना वायरस के कारण लगभग पांच लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। भारत की बात करें तो यहां संक्रमितों की संख्या 690 से ऊपर है। इसी बीच जब मध्यप्रदेश के जबलपुर में रहने वाले उपनिषद शर्मा जर्मनी से वापस अपने देश लौटे तो उन्हें सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या हुई।
दिन-रात सेवा करने वाले डॉक्टरों का करें सम्मानउपनिषद ने कहा कि "मैं 16 मार्च को जर्मनी से दिल्ली लौटा। उसके बाद जबलपुर घर आ गया। सरकार के निर्देश पर मैंने खुद को 3 दिन तक होम आइसोलेट रखा। उसके बाद जैसे ही बुखार आया, मैंने तुरंत डॉक्टरों को खबर की। उन्होंने घर आकर मुझे देखा। वे मुझे विक्टोरिया अस्पताल ले गए। यहां जांच के बाद 20 मार्च को मुझे कोरोना पॉजिटिव पाया गया। तब से मैं जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में इलाज करवा रहा हूं।
मैं कई तरह की तकलीफें सह रहा हूं। मैं इस बीमारी के बारे में आपको इसलिए जागरूक कर रहा हूं ताकि आप सभी सुरक्षित और स्वस्थ रहें। इस बीमारी से बिलकुल भी डरने की जरूरत नहीं हैं। ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं। बस आपको बुखार और सर्दी खांसी रहेगी। दवाई लेने पर आप ठीक हो जाएंगे। हालांकि, जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तब भी मुझे सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है।
मैं आपसे कहना चाहता हूं कि अगर आप विदेश से आ रहे हैं या आए हैं, तो परिवार वालों से दूरी बनाए रखें। अपने हाथ बार-हार धोते रहें। मुंह को ढककर रखें और अच्छा खाना खाएं। खूब आराम करें। ज्यादा सर्दी-खांसी होने की स्थिति में कतई बाहर न जाएं। मेरी आप सभी से अपील है कि आप सभी मुझ जैसे लोगों की जान बचाने वाले डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को पूरा सम्मान दें और उन्हें बिल्कुल भी प्रताड़ित न करें।
यहां अस्पताल में मुझ जैसे और भी कई मरीज हैं, जिनकी ये दिन-रात सेवा कर रहे हैं। वायरस के संक्रमण का लक्षण औसतन पांच दिन में पता चलता है लेकिन मुझे तीन दिन में ही पता चल गया, जिसके कारण मैं सुरक्षित अस्पताल पहुंचा दिया गया। आप सभी सेहतमंद रहें, यही ईश्वर से मेरी प्रार्थना है।"
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